देश में कोरोना मरीजों की संख्या दोगुनी होने की दर में राष्ट्रीय स्तर पर सुधार: स्वास्थ्य मंत्रालय

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 20, 2020

नयी दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या दोगुनी होने की दर में पिछले एक सप्ताह के दौरान सुधार आने की जानकारी देते हुये बताया कि लॉकडाउन से पहले और बाद में 19 अप्रैल तक के आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर देश के 18 राज्यों में इस दर में राष्ट्रीय स्तर पर सुधार हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सोमवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के पहले राष्ट्रीय स्तर पर मरीजों की संख्या 3.4 दिन में दोगुनी हो रही थी लेकिन अब 19 अप्रैल तक के विश्लेषण के आधार पर यह दर 7.5 दिन हो गयी है। अग्रवाल ने इसे कोरोना वायरस के खिलाफ जारी अभियान के लिये सकारात्मक संकेत बताते हुये कहा देश के 18 राज्य ऐसे हैं जो मरीजों की संख्या दोगुनी होने के मामले में राष्ट्रीय औसत से काफी आगे निकल गये हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के पालन को सुनिश्चित किये जाने के कारण देश में संक्रमित मरीजों की संख्या दोगुनी होने की दर में तेजी से गिरावट दर्ज होने के परिणामस्वरूप आठ से 20 दिन तक की अवधि में आठ राज्यों में मरीजों की संख्या दोगुनी हो रही है। इनमें दिल्ली में (8.5 दिन), कर्नाटक (9.2 दिन), तेलंगाना (9.4 दिन), आंध्र प्रदेश (10.6 दिन), जम्मू कश्मीर (11.5 दिन), छत्तीसगढ़ (13.3 दिन), तमिलनाडु (14 दिन) और बिहार (16.4 दिन) शामिल हैं। अग्रवाल ने कहा कि जिन राज्यों में मरीजों की संख्या 20 से 30 दिन में दोगुनी हो रही है उनमें अंडमान निकोबार द्वीप समूह (20.1 दिन), हरियाणा (21 दिन) , हिमाचल प्रदेश (24.5 दिन), चंडीगढ़ (25.4 दिन), असम (25.8 दिन)उत्तराखंड (26.6 दिन) और लद्दाख (26.6 दिन)शामिल हैं। जबकि मरीजों की संख्या दोगुनी होने की दर ओडिशा में 39.8 दिन और केरल में 72.2 दिन पर पहुंच गयी है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के 1553 नये मामले सामने आये, जबकि संक्रमण के कारण एक दिन में 36 लोगों की मौत हुयी है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 17,265पर पहुंच गया है और अब तक 543 मरीजों की मौत हो गयी है। अग्रवाल ने कहा कि स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़कर 2546 (14.75 प्रतिशत) हो गयी है। उन्होंने बताया कि देश में तीन जिलों (पुडुचेरी के माहे, कर्नाटक के कोडागु और उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल) में 28 दिनों से एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है। वहीं, राजस्थान में डूंगरपुर और पाली, गुजरात में जामनगर और मोरबी तथा उत्तरी गोवा जिलों में पिछले 14 दिन से संक्रमण के किसी मामले की पुष्टि नहीं हुयी है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पिछले 14 दिनों से संक्रमण का एक भी सामने नहीं आने वाले जिलों की संख्या 59 हो गयी है। ये जिले 23 राज्यों के हैं। अग्रवाल ने कहा कि गोवा पहला राज्य है जहां अब एक भी संक्रमित मरीज नहीं है। उन्होंने कहा कि गोवा में सभी संक्रमित मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। 

 

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इस बीच उन्होंने मुंबई में कुछ पत्रकारों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर दुख व्यक्त करते हुये कहा कि पत्रकारों को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते समय कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिये जरूरी एहतियाती उपायों का पालन करना चाहिये। इस दौरान भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि पश्चिम बंगाल से त्वरित परीक्षण किट में तकनीकी खामियां आने की शिकायत मिली थी, जिसे दूर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वस्तुत: यह खामी किट की तकनीक में नहीं बल्कि इसके त्रुटिपूर्ण संचालन के कारण सामने आयी थी। संवाददाता सम्मेलन में गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि देश में संक्रमण मुक्त इलाकों में सोमवार से लॉकडाउन में आंशिक छूट दिये जाने के मद्देनजर मंत्रालय सभी राज्यों में स्थिति की सतत निगरानी कर रहा है। उन्होंने बताया कि जिन शहरों में लॉकडाउन के उल्लंघन के मामले सामने आ रहे हैं उनमें इसका पालन सुनिश्चित कराने में मदद और स्थिति के आकलन के लिये मंत्रालय ने छह अंतर मंत्रालयी समूह गठित किये हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि संक्रमण की स्थिति में सुधार नहीं होने और लॉकडाउन का शतप्रतिशत पालन नहीं हो पाने वाले जिलों में ये समूह भेजे गये हैं। उन्होंने कहा कि छह सदस्यीय समूह के प्रतिनिधि राजस्थान में जयपुर, मध्य प्रदेश में इंदौर, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और 24 परगना और महाराष्ट्र में मुंबई एवं पुणे सहित कुछ अन्य जिलों में जाकर वस्तुस्थिति की समीक्षा कर लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने में मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि समूह में स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन सहित अन्य संबद्ध क्षेत्रों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।

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