By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 05, 2019
नयी दिल्ली। सरकार ने अपनी प्रमुख खेल योजना ‘खेलो इंडिया को विस्तार देते हुए शुक्रवार को अपने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड (एनएसईबी) का गठन करने की घोषणा की लेकिन खेलों के लिये अंतरिम आवंटन में की गयी व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करते हुए इस साल फरवरी को तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पेश किये गये अंतरिम बजट में किये गये आवंटन को जस का तस रहने दिया। वित्त मंत्री ने वर्ष 2019-20 के लिये आम बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘अक्टूबर 2017 में शुरू की गयी खेलो इंडिया योजना ने पूरे देश में स्वास्थ्य के अभिन्न भाग के रूप में खेलों की जागरूकता सृजित की है। सरकार खेलो इंडिया का विस्तार करने और सभी जरूरी वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये वचनबद्ध है। ’’उन्होंने कहा, ‘‘सभी स्तरों पर खेलों को लोकप्रिय बनाने के लिये खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत खिलाड़ियों के विकास के लिये राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड का गठन किया जाएगा। ’’
खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय के लिये फरवरी में पेश किये अंतरिम बजट में 214.2 करोड़ रूपये की वृद्धि की गयी थी। आवंटित राशि में पिछले साल के 2002.72 करोड़ रूपये की तुलना में 2216.92 करोड़ रूपये किया गया था। भारतीय खेल प्राधिकरण को पिछले साल संशोधित बजट में 395 करोड रुपये आवंटित किये गए थे जिसमें 55 करोड़ रूपये की बढोतरी की गयी थी। साइ को 2019.20 के बजट में 450 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे। खेलो इंडिया कार्यक्रम के लिये बजट 550.69 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) से बढाकर 601.00 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
इसे भी पढ़ें: बजट में मध्यम वर्ग के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की कई पहल की गई: स्मृति ईरानी
खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और पुरस्कार की राशि पिछले बजट के संशोधित अनुमान में 316.93 करोड़ और 2017.18 में 299.27 करोड़ रूपये थी जो बढाकर 411 करोड़ रुपये कर दी गई है। इसमें खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि 63 करोड़ रूपये से बढाकर 89 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय खेल विकास कोष को आवंटन दो करोड़ रूपये से बढाकर 68 करोड़ रूपये कर दिया गया है। राष्ट्रीय खेल महासंघों को दी जाने वाली सहायता राशि कमोबेश जस की तस है। पिछले बजट में एनएसएफ को 245.13 करोड़ रूपये दिये गए थे जिन्हें अब 245 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।