By अनन्या मिश्रा | Nov 03, 2024
आज के समय में हम सभी को ग्रिल सैंडविच, आलू सैंडविच, वेज सैंडविच, पिज्जा सैंडविच, कॉर्न सैंडविच, बॉम्बे सैंडविच खाना पसंद होता है। न जाने कितने तरीके का सैंडविच चलन में है। इसको अब सिर्फ ब्रेकफास्ट में ही नहीं बल्कि टी-टाइम स्नैक्स और ईवनिंग स्नैक्स के तौर पर भी पसंद किया जाता है। बता दें कि हर साल 03 नवंबर को नेशनल सैंडविच डे मनाया जाता है। वहीं सैंडविच को स्नैक्स का राजा भी कहा जा सकता है। तो आइए जानते हैं नेशनल सैंडविच डे का इतिहास और महत्व के बारे में...
ऐसे हुई शुरूआत
बता दें कि सैंडविच पश्चिमी देशों की देन है। 18वीं शताब्दी से सैंडविच अस्तित्व में आया था। पहले सैंडविच में मीट की स्टफिंग की जाती थी। फिर पश्चिम की इस देन को भारतीयों ने अपनाया, लेकिन भारतीयों ने इसमें वेजिटेबल्स को जोड़कर इसके स्वाद को बढ़ाया। बताया जाता है कि सैंडविच की शुरुआत पश्चिमी देशों में लेट नाइट स्नैक्स के तौर पर हुई। लेकिन इसकी लोकप्रियता इसलिए बढ़ी, क्योंकि इसको एक हाथ से खाना बेहद आसान था।
सैंडविच में मनचाही स्टफिंग भर सकते हैं। बताया जाता है कि सैंडविच की शुरुआत ब्रिटिश स्टेटमैन जॉन मोंटेगु ने की थी। दरअसल, स्टेटमैन जॉन मोंटेगु ताश खेलने के दौरान दो टोस्ट के बीच मनचाही स्टफिंग भरकर खाना पसंद करते थे। इससे उनका ताश का खेल भी नहीं रुकता था और उनके हाथ भी गंदे नहीं होते थे। मोंटेगु सैंडविच नामक जगह के चौथे अर्ल थे, जोकि साउथ ईस्ट इंग्लैंड में है। इसलिए इसका नाम सैंडविच पड़ा। धीरे-धीरे इसको ब्रेकफास्ट में शामिल किया जाने लगा और यह हर घर की पसंद बन गया।
वहीं 03 नवंबर 1718 को जॉन मोंटेगु का जन्म हुआ था। ऐसे में उनके ही सम्मान में नेशनल सैंडविच डे मनाया जाने लगा। हालांकि आज के समय में हर किसी को सैंडविच पसंद है, लेकिन इसको खाने के दौरान इसकी कैलोरी का भी ध्यान रखना चाहिए। साथ ही प्रय़ास करें कि इसमें ऐसी वेजिटेबल्स की स्टफिंग करनी चाहिए, जो आपके स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी हो।