By रितिका कमठान | Jan 15, 2023
सड़क पर चलते हुए कई हादसे होते है। इन हादसों के कारण कई लोगों की मौत होती है। सड़क हादसों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर हर वर्ष केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नेतृत्व में 11 से 17 जनवरी के बीच राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक हर वर्ष 13 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु एक्सीडेंट का शिकार होने के कारण होती है। भारत में इसकी संख्या सबसे अधिक है। अगर देश में सड़क नियमों का पालन सख्ती से किया जाए तो हजारों लोगों की जान बच सकती है।
सड़क पर चलने के दौरान हर वर्ष लाखों हादसे होते हैं जिसमें सैंकड़ों लोगों की जान जाती है तो कई लोग जीवनभर के लिए अपाहिज होने के मोहताज हो जाते है। देश में होने वाले इन हादसों को लेकर अब सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए रोड़ ट्रैफिक नियमों को समझाने में काफी काम किया है ताकि लोगों को सड़क सुरक्षा के बारे में अधिक से अधिक जागरुक किया जा सके।
बता दें कि सड़क सुरक्षा मुख्य तौर से लोगों की सेफ्टी से संबंधित है। सड़क पर होने वाली घटनाओं के लिए आमतौर पर ट्रैफिक नियमों का पालन ना करना मुख्य कारण माना जाता है। इन नियमों की अवहेलना करना और इनके संबंध में जानकारी ना होना ही दुर्घटना का कारण बनता है। ऐसे में इन नियमों की जानकारी रखकर व्यक्ति सिर्फ अपनी ही नहीं बल्कि कई लोगों के जीवन की रक्षा कर सकता है।
जानें इसका उद्देश्य
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान आम जनता को बताया जाता है कि लापरवाही से ड्राइविंग किए जाने से कई नुकसान हो सकते है। इसे समझाने के लिए कई संगठन मिलकर चित्रों, नाटकों आदि के जरिए जनता को सुरक्षा नियमों का पालन करने की सीख देते है। स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों, सोसायटियों, कार्यस्थलों आदि में भी कार्यशालाएं लगाकर नियमों के संबंध में सूचना दी जाती है।
ये है इतिहास और महत्व
जानकारी के मुताबिक वर्ष 1989 में पहली बार राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया गया था। इसके बाद वर्ष 2010 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति को मंजूरी दी, जिसके बाद से लोगों के बीच यातायात नियमों को लेकर जागरूकता फैलाने की शुरुआत की गई।
इन नियमों का पालन कर हो सकती है सुरक्षा