By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 20, 2018
मुंबई। अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने प्रत्यक्ष तौर पर हाल ही में भीड़ द्वारा की गई हिंसा का हवाला देते हुए कहा कि कई जगहों पर एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा तवोज्जो दी गई। अभिनेता ने अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई। उनका कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को किसी खास धर्म की शिक्षा नहीं दी है। शाह 'कारवां-ए-मोहब्बत इंडिया' द्वारा किए गए वीडियो साक्षात्कार में यह टिप्पणी कर रहे थे। इस संगठन ने सोमवार को यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो पोस्ट किया है।
अभिनेता का कहना है कि ‘जहर फैलाया जा चुका है’ और अब इसे रोक पाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ इस जिन्न को वापस बोतल में बंद करना मुश्किल होगा। जो कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं, उन्हें खुली छूट दे दे गई है। कई क्षेत्रों में हम यह देख रहे हैं कि एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी से ज्यादा तवज्जो दी गई।' अभिनेता की पत्नी रत्ना पाठक हैं। शाह ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चे इमाद और विवान को धार्मिक शिक्षा नहीं देना तय किया था क्योंकि उनका मानना है कि '‘खराब या अच्छा होने का किसी धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।' शाह का अपने बच्चों के लिए डर होना 2015 में आमिर खान द्वारा असहिष्णुता पर दिए गए बयान की याद दिलाता है। खान की इस टिप्पणी के बाद विवाद पैदा हो गया था।
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शाह ने कहा, ‘‘ हमने उन्हें (अपने बच्चों को) अपने बच्चों को क्या अच्छा है और क्या बुरा। इसके बारे में बताया है, जिसमें हमारा विश्वास है। मैंने उन्हें कुरान शरीफ की कुछ आयतें पढ़ना सिखाया है। मेरा मानना है कि इससे उच्चारण स्पष्ट होता है। यह वैसे ही जैसे रामायण या महाभारत को पढ़ने से किसी का उच्चारण सुधरता है।' अभिनेता ने कहा कि स्थिति जल्द नहीं सुधरने वाली है। उन्होंने कहा कि वह डरे हुए नहीं हैं बल्कि गुस्सा हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अपने बच्चों के लिए चिंतित हूं क्योंकि कल को अगर भीड़ उन्हें घेरकर पूछती है, ‘‘ तुम हिंदू हो या मुसलमान?’ तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं होगा। यह मुझे चिंतित करता है और मैं हालात को जल्द सुधरते हुए नहीं पा रहा हूं।'