By रेनू तिवारी | Sep 15, 2021
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह एक फिल्मी हस्ती हैं जो हमेशा सही-गलत दोनों तरह की बातों पर अपनी राय देते हैं। उन्हें विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय व्यक्त करने के लिए जाना जाता है, जिसने उन्हें अक्सर विवादों के बीच में घसीटा है। हाल ही में, शाह ने अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने का जश्न मनाने के लिए भारतीय मुसलमानों के एक वर्ग की आलोचना की जिसके बाद उनके इस बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया। तालिबान की वापस के मुद्दे पर सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से परहेज किया था।
71 वर्षीय अभिनेता ने अब बॉलीवुड के तीन खानों-शाहरुख, सलमान और आमिर के बारे में बात करने के बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में बढ़ रहे सरकार के हस्ताक्षेप को लेकर भी चिंता जाहिर की है। अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने इंडिया टुडे के साथ एक साक्षात्कार में फिल्म उद्योग में सरकार के स्पष्ट अधिग्रहण पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी छवि को साफ करने के लिए देश भक्ति फिल्में बनवा रही है।
नसीरुद्दीन शाह का सरकार पर तीखा हमला
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि सरकार उन फिल्मों पर प्रतिबंध लगा देती है जिसमें सच दिखाने की कोशिश की जाती है। कुछ भी खिलाफ है उसे प्रतिबंधित किया कर दिया जाता है। अब सरकार ने खुद को फिल्म बोर्ड पर उच्चाधिकारी बना लिया है। यह बहुत चिंताजनक है। यदि सरकार ही सब कुछ निर्णय लेती है तो (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) क्यों मौजूद है? इसे हटाओ, सरकार फैसला करेगी। यह देखना आसान है कि वे किस तरह की फिल्में बनाना चाहते हैं। ऐसी फिल्में जो उनकी छवि को सफेद कर देंगी, उन्हें देश के एक संत के रूप में चित्रित करेंगी, काल्पनिक उपलब्धियां पैदा करेंगी। 71 वर्षीय अभिनेता ने यह बात इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई के एक सवाल को लेकर कही थी।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड क्यों मौजूद है?
तीन बार के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता ने फिल्म उद्योग के लिए भी कुछ सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि काश फिल्म उद्योग में स्वतंत्र रहने की शक्ति होती, काश उनमें ऐसा करने का साहस होता लेकिन वे हार मान रहे होते हैं और वे आसान लक्ष्य होते हैं। वे डरे हुए हैं और उनके अलग-अलग हित हैं और खोने के लिए बहुत कुछ है। इस लिए वह सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोलना चाहते है। नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि फिल्म उद्योग के कम लोग इन मुद्दों के खिलाफ क्यों बोलते हैं क्योंकि इसके पीछे डर है। उन्होंने कहा कि या तो सितारों को अपनी मान्यताओं को बताने की आवश्यकता महसूस नहीं होती है या उनके पास कोई विश्वास नहीं है। उन्होंने आमिर खान और शाहरुख खान के असहिष्णुता पर पुराने बयानों के बारे में भी बताया और कैसे उन्होंने अपार आलोचना और प्रतिक्रिया के बाद फिर कभी बात नहीं की।