By नीरज कुमार दुबे | Apr 28, 2025
भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करके पूरे पाकिस्तान को हिला कर रख दिया है। भारत सरकार के इस फैसले की पूरी देश में सराहना हो रही है। खासकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस फैसले के लिए मोदी सरकार की तारीफ करते हुए नहीं थक रहे। उमर अब्दुल्ला ने तो यहां तक कह दिया है कि सिंधु जल संधि केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के लिए “सबसे अनुचित दस्तावेज” है। उन्होंने कहा है कि जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, ईमानदारी से कहें तो हम कभी भी सिंधु जल संधि के पक्ष में नहीं रहे हैं। वहीं दूसरी ओर देश में कुछ लोग ऐसे हैं जोकि सरकार के इस फैसले के खिलाफ सवाल उठा रहे हैं। किसान नेता नरेश टिकैत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि इससे वहां के किसानों का नुकसान हो जायेगा।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि हम नहीं चाहते कि पाकिस्तान के किसानों को कोई नुकसान पहुँचे। वहीं भाजपा ने नरेश टिकैत के बयान का जोरदार विरोध किया है। भाजपा सांसद और भारतीय जनता किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज कुमार चाहर ने कहा है कि नरेश टिकैत का बयान देशविरोधी है।
हम आपको यह भी बता दें कि नरेश टिकैत के भाई और भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी इशारों इशारों में कहा है कि पहलगाम की घटना से भाजपा को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि जैसे कोई कत्ल होने पर पुलिस उसको पकड़ती है जिसको मरने वाले की मौत से फायदा होगा उसी प्रकार पहलगाम की घटना की जांच कर रही एजेंसियों को भी उसे पकड़ना चाहिए जिसको इस घटना से फायदा होगा। हम आपको यह भी बता दें कि अटारी-वाघा बॉर्डर से अपने देश वापस लौट रहे कई पाकिस्तानी नागरिक ऐसी गाड़ियों में आये थे जिस पर भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के पदाधिकारियों की नाम पटि्टका लगी हुई थी।