By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 17, 2017
कोच्चि। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ज्ञान साक्षरता तक ही सीमित नहीं होना चाहिए और इसका असली लक्ष्य सामाजिक तथा आर्थिक बदलाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अच्छे ज्ञान की नींव से बेहतर समाज का निर्माण होगा। वह पीएन पणिक्कर फाउंडेशन के एक महीने तक चलने वाले समारोह अध्ययन माह (रीडिंग मंथ) का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि असली लक्ष्य सामाजिक तथा आर्थिक बदलाव लाना होना चाहिए। डिजिटल साक्षरता की आवश्यकता पर बल देते हुए मोदी ने कहा, 'मुझे खुशी है कि फाउंडेशन अब डिजिटल साक्षरता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और यह समय की मांग है। मुझे ऐसे समपर्ति सामाजिक आंदोलनों से काफी उम्मीदें हैं। ऐसे कदम से बड़ा बदलाव हो सकता है।' उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि युवा पढ़ने का संकल्प लें और अन्य को भी प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि एक पढ़ी लिखी पीढ़ी भारत को बढ़ने में मदद करेगी।
मोदी ने कहा कि पढ़ने से ज्यादा आनंद किसी चीज में नहीं मिल सकता और ज्ञान से बढ़कर कोई अन्य मित्र नहीं है।उन्होंने कहा कि युवाओं में समाज तथा देश को बेहतर बनाने की क्षमता है तथा मिलकर हम एक बार फिर भारत को ज्ञान तथा बुद्धिमत्ता का केंद्र बना सकते हैं। मोदी ने लोगों से अपील की कि वे बधाई देते समय गुलदस्ता भेंट करने के बदले कोई किताब भेंट करें। शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में केरल की उपलब्धियों की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि इस मामले में यह दक्षिणी राज्य देश के लिए प्रेरणा तथा पथ प्रदर्शक है। उन्होंने कहा कि केरल देश का पहला राज्य है जो शत प्रतिशत साक्षर बना। केरल देश में सबसे पहले 100 प्रतिशत प्राथमिक शिक्षा हासिल करने वाला राज्य है।उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में केरल की कामयाबी सिर्फ सरकार से ही संभव नहीं थी तथा नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इसमें सक्रिय भूमिका निभायी है।