नरेंद्र मोदी का आरोप, किसानों की दुर्दशा के लिए ‘नामदार’ जिम्मेवार

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 28, 2018

जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में किसानों की दुर्दशा के लिए एक तरह से कांग्रेस व उसकी पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिसे मूंग व मसूर में फर्क नहीं पता वह किसानों की बात कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वल्लभ भाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो किसानों की यह हालत नहीं होती।किसान बहुल नागौर व भरतपुर में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए मोदी ने किसानों को केंद्र में रखकर कांग्रेस पर तीखे हमले किए और आरोप लगाया कि संप्रग सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रपट पर ध्यान नहीं दिया।

प्रधानमंत्री अपनी सभाओं में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए ‘नामदार’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं जबकि खुद को कामदार कहते हैं। कांग्रेस इन चुनावों में राज्य के किसानों की बदहाली को बड़ा मुद्दा बनाकर चल रही है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में घोषणा की थी कि उनकी सरकार आते ही दस दिन के अंदार किसानों के कर्ज माफ कर दिये जायेंगे। मोदी ने भरतपुर में अपनी सभा में कहा,‘स्वामीनाथन आयोग ने किसानों की भलाई के लिए अपनी रपट दस साल पहले तत्कालीन संप्रग सरकार को सौंपी थी। अगर इनके दिल में किसानों के प्रति थोड़ी सी हमदर्दी होती तो वे उस रपट को लागू करते और किसानो को उसका हक देते। आज ये नामदार जिसे यह भी समझ नहीं कि चने का पौधा होता कि चने का पेड़ ... जिसे मूंग व मसूर में फर्क की समझ नहीं वह किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहा है। किसानों के नाम पर भड़का रहा है।’ 

 

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उन्होंने कहा,‘अगर दस साल पहले आपने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया होता तो आज देश के एक भी किसान पर एक भी रुपये का कर्ज नहीं होता। आप जिम्मेदार हैं और गुनाहगार हैं किसानों की इस दुर्दशा के लिए। आपकी चार पीढी के लोग जिन्होंने सरकारें चलाई हैं वे जिम्मेदार हैं किसानों की इस दुर्दशा के लिए। हम आए, और हमने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया।’ मोदी ने कहा,‘ देश के पहले प्रधानमंत्री अगर सरदार वल्लभाई पटेल होते तो किसान ऐसी ऊंचाइयों को पार करते होते जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता।’ इससे पहले नागौर में भी मोदी ने कहा,‘अगर हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री एक किसान का बेटा होता जिसने महात्मा गांधी के साथ रहकर हक की लड़ाई लड़ी... अगर वह सरदार पटेल, पहला प्रधानमंत्री होता तो देश का किसान बहुत सुखी होता।'

 

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