By नीरज कुमार दुबे | Jul 29, 2023
क्या मणिपुर में हो रही हिंसा के पीछे चीन का हाथ है? यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता। म्यांमा के सशस्त्र विद्रोहियों पर भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप लगते रहे हैं। साथ ही इस प्रकार की भी रिपोर्टें आती रही हैं कि कई बार यह लोग भारत में घुसपैठ भी कर जाते हैं। म्यांमा के सैन्य शासन पर चीन का काफी प्रभाव है। ऐसे में नरवणे का बयान काफी चौंकाने वाला है। वैसे भी चीन भारत में अशांति फैलाने के लिए हर प्रयास करता रहता है। पूर्वोत्तर पर उसकी खास नजर हमेशा रही है।
जहां तक जनरल (सेवानिवृत्त) नरवणे के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने कहा है कि सीमावर्ती राज्यों में अस्थिरता देश की समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अच्छी नहीं है। उन्होंने मणिपुर में विभिन्न विद्रोही संगठनों को चीन की ओर से दी जा रही सहायता का भी उल्लेख किया। हम आपको बता दें कि पूर्व सेना प्रमुख ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 'राष्ट्रीय सुरक्षा परिप्रेक्ष्य' विषय पर आयोजित एक चर्चा के दौरान मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही।
जनरल (सेवानिवृत्त) नरवणे ने कहा, ''मुझे यकीन है कि जो लोग सत्ता में हैं और जो भी कार्रवाई की जानी चाहिए, उसे करने के लिए जिम्मेदार हैं, वे अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि मैं कहता हूं कि इसमें न केवल विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है, बल्कि मैं कहूंगा कि वे निश्चित रूप से इसमें शामिल हैं, खासकर विभिन्न विद्रोही समूहों को मिल रही चीनी सहायता।’’ पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि चीन कई वर्षों से इन विद्रोही समूहों की मदद कर रहा है और अब भी ऐसा करना जारी रखेगा।