By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 29, 2019
नयी दिल्ली। मोबाइल फोन और इंटरनेट पर बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री तक आसानी से पहुंच होने की वजह से बाल उत्पीड़न के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को राज्यसभा में सुझाव दिया कि कुछ वरिष्ठ संसद सदस्य एक समूह बना कर इस संबंध में चर्चा के जरिये समाधान का प्रयास कर सकते हैं।उच्च सदन में सभापति ने शून्यकाल में कहा कि कल अन्नाद्रमुक सदस्य विजिला सत्यानंद द्वारा इंटरनेट पर बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री का एक गंभीर मुद्दा उठाया गया था। इसका बच्चों पर भी गंभीर असर पड़ता है जिससे उन्हें बचाना जरूरी है।सभापति ने सुझाव दिया कि सदन के वरिष्ठ सदस्य जयराम रमेश (कांग्रेस), सुखेन्दु शेखर राय (तृणमूल कांग्रेस), तिरुचि शिवा (द्रमुक), विनय सहस्रबुद्धे (भाजपा) आदि एक समूह बना कर इस मुद्दे पर चर्चा करें।
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नायडू ने कहा ‘‘यह आधिकारिक समिति नहीं होगी। लेकिन यह देश हित में किया जाने वाला एक कार्य होगा।’’उन्होंने कहा ‘‘सदन में चर्चा के जरिये एक आम राय बनानी चाहिए। हम समाधान का रास्ता निकाल सकते हैं ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके। यह एक गंभीर मुद्दा है और अभिभावक बच्चों को लेकर बहुत चिंतित हैं।’’सदन में मौजूद सदस्यों ने नायडू के इस सुझाव पर सहमति जताई।गौरतलब है कि शून्यकाल के दौरान अन्नाद्रमुक सदस्य विजिला सत्यानंद द्वारा इंटरनेट पर बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि मोबाइल फोन और इंटरनेट पर बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री तक आसानी से पहुंच होने की वजह से बाल उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं।
उन्होंने इंटरनेट एवं सोशल मीडिया पर ऐसी सामग्री की बहुतायत होने का जिक्र करते हुए कहा कि लगभग हर दिन बच्चियों के यौन उत्पीड़न की खबरें आती हैं। इस पर हस्तक्षेप करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री वाली करीब 377 वेबसाइटों को हटा दिया गया है और बाल उत्पीड़न के संबंध में 50 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। स्मृति ने यह भी कहा था कि इस तरह की किसी भी घटना की उन्हें तत्काल सूचना दी जाए ताकि तत्काल कार्रवाई की जा सके।