कोरोना वायरस के साथ-साथ फैल रहे हैं इससे जुड़े कई मिथक, जानिए क्या है हकीकत

By प्रिया मिश्रा | Mar 07, 2020

चीन के वुहान से शुरू हुआ घातक कोरोना वायरस दुनियाभर के 68 देशों में हड़कंप मचाने के बाद अब भारत में भी अपने पैर पसार रहा है। अमेरिका, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, ईरान और इटली जैसे कई देश इस बेहद खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं। अभी तक दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस से करीब एक लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं और 32 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में इस वायरस का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है और चीन में ये अभी तक 3 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान ले चुका है। भारत में भी कोरोना वायरस के 31 नए मामले सामने आने की पुष्टि हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे अंतरराष्ट्रीय हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखकर लोगों में इस वायरस को लेकर डर और चिंता बढ़ती जा रही है। लेकिन घबराइए नहीं, आज हम आपको कोरोना वायरस से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी, इसके लक्षण, बचाव के उपायों के बारे में बताएंगे और इससे जुड़े मिथकों और उनकी हकीकत पर भी नज़र डालेंगे।

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क्या है कोरोना वायरस और कहाँ से हुई इसकी शुरुआत ?

 

वैज्ञानिकों की भाषा में बोला जाए तो कोरोना वायरस ज़ूनोटिक है यानि ऐसा वायरस जो पशुओं से इंसान में फैलता है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वायरस कई वायरसों का समूह है। यह वायरस पहले ऊँट, बिल्ली और चमगादड़ जैसे जानवरों में पाया जाता था और पशुओं से इंसान में संक्रमित हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस की शुरुआत बीते दिसंबर में चीन के वुहान शहर की होलसेल सी-फूड मार्केट से हुई थी।

 

क्या हैं कोरोना वायरस के लक्षण ?  

 

कोरोना वायरस सांस संबंधी परेशानी से जुड़ा हुआ है। इसमें सांस लेने में तकलीफ, जुकाम, खांसी, बुखार, गले में खराश जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। कोरोना वायरस के लक्षण निमोनिया के लक्षण जैसे प्रतीत होते हैं और इसके लक्षण में फेफड़ों में सूजन और सांस फूलने जैसी दिक्कत भी शामिल है।

 

कैसे किया जाए कोरोना से बचाव ?

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ उपायों की लिस्ट जारी की है। इसमें कोरोना के संक्रमण से सुरक्षा के कुछ नियम बताए गए हैं जो इस प्रकार हैं-

 

- दिन में कई बार साबुन या अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइज़र से हाथ धोएं

 

- खांसते और छींकते समय मुँह को ढँक कर रखें

 

- इंफेक्टेड व्यक्ति से दूरी बना कर रखें

 

- कोरोना वायरस प्रभावित जगहों पर यात्रा करने से बचें

 

- खांसी-बुखार को नज़रअंदाज़ ना करें

 

- कच्चे पदार्थ और सी-फूड ना खाएं

 

- N95 मेडिकल मास्क का उपयोग करें

 

- बीमार हैं तो ऑफिस ना जाएं

 

बढ़ रही हैं कोरोना वायरस को लेकर अफवाहें:

 

कोरोना वारयस के बढ़ते आतंक को देखकर लोगों में इसकी दहशत भी बढ़ती नज़र आ रही है। लोग सार्वजनिक स्थानों पर जाने से कतरा रहे हैं और सर्जिकल मास्क पहने नज़र आ रहे हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण जितनी तेज़ी से बढ़ रहा है, उतनी ही तेज़ी से इसको लेकर कुछ अफवाहें भी फ़ैल रही हैं। लोगों के पास कोरोना वायरस के बारे में सही और सम्पूर्ण जानकारी नहीं हैं जिसकी वजह से उनमें डर और चिंता का माहौल बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इससे जुड़े कुछ मिथक फैलाए जा रहे हैं। हाल ही में यह मैसेज भी वायरल हुआ था कि शराब पीने से कोरोना वायरस नहीं होता है। कोई कह रहा है कि लहसुन खाने से यह वायरस नहीं फैलेगा तो किसी के मुताबिक गौमूत्र में इसका इलाज छुपा है। ऐसी ही बहुत-सी अफवाहें तेज़ी से लोगों के बीच फैल रही हैं। हम अपने पाठकों से अनुरोध करते हैं कि कोरोना वायरस से जुड़ी किसी भी जानकारी की पहले पुष्टि कर लें और फिर उस पर अमल करें। हाल ही में WHO ने कोरोना वायरस से जुड़े कुछ मिथकों और उनके तथ्यों के बारे में बताया है। आज हम आपको कोरोना वायरस से जुड़े कुछ मिथक और उनके तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।

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मिथक: क्या हैंड ड्रायर कोरोना वायरस को खत्म करने में प्रभावशाली है?

तथ्य: नहीं, हैंड ड्रायर से कोरोना वायरस खत्म नहीं होता है। इसके संक्रमण से बचने के लिए ज़रूरी है कि आप दिन में कई बार साबुन से अपने हाथ धोएं। हाथ सुखाने के लिए किसी साफ़ तौलिए या हैंड ड्रायर का उपयोग करें।

 

मिथक: क्या थर्मल स्कैनर से कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का पता लगाया जा सकता है?

तथ्य: थर्मल स्कैनर से उन लोगों की जांच की जा सकती है जिन्हें कोरोना वायरस की वजह से तेज़ बुखार हो। लेकिन, ऐसे लोग जो कोरोना वायरस से संक्रमित तो हैं लेकिन फिलहाल तेज़ बुखार ना हो, ऐसे लोगों का पता थर्मल स्कैनर द्वारा नहीं लगाया जा सकता है।

 

मिथक: क्या लहसुन के सेवन से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है?

तथ्य: नहीं, लहसुन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है और इसमें एंटी-माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज मौजूद होती हैं, लेकिन इस बात की अभी तक कोई पुष्टि नहीं है कि लहसुन खाने से कोरोना वारयस नहीं फैलता।

 

मिथक: क्या शराब पीने से कोरोना वारयस से बचाव किया जा सकता है?

तथ्य: नहीं, शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इससे कोरोना वारयस के संक्रमण से सुरक्षा नहीं मिलती है। यदि आप कोरोना वायरस के संक्रमण से बचना चाहते है तो किसी हाथ धोने के लिए अल्कोहल-बेस्ड हैंडवाश या सैनिटाइज़र का उपयोग करें।


मिथक: क्या ज़्यादा उम्र के लोगों या कम उम्र के बच्चों में कोरोना वायरस का खतरा ज़्यादा है?

तथ्य: कोरोना वायरस हर उम्र के व्यक्ति में फैल सकता है। हालांकि, बूढ़े-बुज़ुर्ग या पहले से अस्थमा, डाइबिटीज़ और दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों में इस वायरस की वजह से ज़्यादा बीमार होने का खतरा रहता है। WHO के मुताबिक, हर उम्र के लोगों को इससे बचने के लिए अपनी हाइजीन का ख़ास ख्याल रखना चाहिए।

 

मिथक: क्या निमोनिया की वैक्सीन कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान करती है ?

तथ्य: नहीं, निमोनिया की वैक्सीन से कोरोना से बचने में मदद नहीं मिलती है। कोरोना वायरस इतना अलग और नया वायरस है कि इसके लिए एक नई वैक्सीन की ज़रूरत है। फिलहाल, रिसर्चर्स कोरोना वायरस के लिए नई वैक्सीन बनाने में जुटे हैं।


मिथक: क्या धूम्रपान करने से कोरोना वायरस पर कोई असर होता है?

तथ्य: धूम्रपान करने से किसी भी तरह कोरोना वारयस से बचाव में मदद नहीं मिलती है। हर साल करीब 80 लाख लोगों की धूम्रपान करने से मौत होती है। धूम्रपान करने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है और ऐसे लोगों में कोरोना वायरस फैलने का डर ज़्यादा रहता है।

 

मिथक: क्या माउथवॉश से कुल्ला/गरारे करने से कोरोना वारयस से बचा जा सकता है?

तथ्य: अभी तक ऐसी कोई पुष्टि नहीं हुई है कि माउथवॉश से कुल्ला करने से कोरोना वायरस इंफेक्शन से सुरक्षा मिलती है। हाँ, माउथवॉश कुछ देर के लिए मुँह में मौजूद माइक्रोब्स को खत्म कर देता है, लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि यह कोरोना वायरस को भी खत्म करता है।

 

मिथक: क्या कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कोई दवा मौजूद है?

तथ्य: अभी तक ऐसी किसी भी दवा का पता नहीं लग पाया है जो कोरोना वारयस के संक्रमण को रोक सके या इसका इलाज कर सके। इस वायरस से ग्रसित लोगों को अपनी खास देखभाल करनी चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। WHO की मदद से दुनियाभर के विशेषज्ञ कोरोना वायरस की दवा खोजने में जुटे हुए हैं।

 

मिथक: क्या ऐंटिबायॉटिक से कोरोना वारयस का इलाज हो सकता है?

तथ्य: नहीं, ऐंटिबायॉटिक सिर्फ बैक्टीरिया के खिलाफ काम करती है, वायरस के नहीं। इसलिए ऐंटिबायॉटिक से कोरोना वायरस का इलाज नहीं हो सकता है।

 

मिथक: क्या पालतू जानवरों से कोरोना वायरस फैलने का खतरा है?

तथ्य: अभी तक ऐसी कोई स्टडी यह साबित नहीं कर पाई है कि पालतू जानवरों से कोरोना वायरस फैलता है और ना ही ऐसा कोई मामला सामने आया है जिसमें कुत्ते या बिल्ली से इंसान में कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ हो। हालांकि, जानवरों को छूने के बाद हमेशा साबुन या हैंड वाश से हाथ धोने चाहिए ताकि किसी भी तरह के इन्फेक्शन फैलने का खतरा ना रहे।


मिथक: क्या चीन से आए किसी पार्सल या लेटर से कोरोना वायरस फैल सकता है?

तथ्य: नहीं, कोरोना वारयस बहुत लंबे समय तक किसी वास्तु या पेपर पर ज़िंदा नहीं रहता है इसलिए चीन से आए किसी भी पार्सल या लेटर से संक्रमण का खतरा नहीं है।

 

मिथक: क्या तिल का तेल लगाने से कोरोना वायरस शरीर में नहीं आ सकता है?

तथ्य: नहीं, तिल का तेल लगाने से कोरोना वायरस से सुरक्षा नहीं मिलती है। क्लोरोफॉर्म, ब्लीच/क्लोरीन बेस्ड डिसइंफेक्टेंट जैसे कुछ अन्य केमिकल हैं जिनके प्रयोग से कोरोना वायरस ख़त्म हो जाता है लेकिन इन केमिकल का शरीर पर प्रयोग करना खतरनाक साबित हो सकता है।

 

मिथक: क्या ज़्यादा पानी पीने से कोरोना वायरस इन्फेक्शन नहीं होता है?  

तथ्य: पानी पीना स्वस्थ रहने के लिए ज़रूरी है लेकिन इससे कोरोना वायरस से बचाव नहीं होता है। यदि आपको बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ है तो अपनी मेडिकल जाँच करवाएं और डॉक्टर की सलाह लें।

 

मिथक: क्या शरीर पर क्लोरीन या अल्कोहल छिड़कने से कोरोना वायरस खत्म होता है ?

तथ्य: नहीं, शरीर पर क्लोरीन या अल्कोहल छिड़कने से शरीर में मौजूद कोरोना वायरस खत्म नहीं होता है। ऐसे कैमिकल ज़मीन की सतह पर मौजूद कोरोना वायरस को भले ही खत्म कर दे, लेकिन शरीर पर इनका उपयोग हानिकारक होता है।

 

मिथक: क्या कोरोना वारयस शौच से फैलता है ?

तथ्य: अन्य वायरस की तरह ही कोरोना वायरस भी शौच में मौजूद होता है लेकिन मुख्य तौर पर यह संक्रमित व्यक्ति से नज़दीकी संबंध या उसके खांसने और छींकने के दौरान हवा में मिलकर फैलता है। कोरोना के इंफेक्शन से बचने के लिए दिन में कई बार साबुन से हाथ धोएं।


मिथक: क्या कोरोना वायरस गर्म मौसम में भी ज़िंदा रह सकता है?

तथ्य: जी हाँ, कोरोना वायरस किसी भी तरह के मौसम में फैल सकता है, आप चाहे कहीं भी रहते हों, कोरोना वायरस से बचने के लिए आपको एहतियात के तौर पर कुछ ज़रूरी चीज़ें करनी ही चाहिए।

 

मिथक: क्या अल्ट्रा-वायलेट डिसइंफेक्शन लैंप कोरोना वायरस को खत्म कर सकता है?

तथ्य: अल्ट्रा-वायलेट लैंप का उपयोग कभी भी हाथ या त्वचा पर नहीं करना चाहिए, इससे त्वचा जलने का खतरा रहता है। 

 

-प्रिया मिश्रा

 

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