मुंबई। अभिनय के लिये जुनून और अपनी क्षमताओं में भरोसा , यही वो खूबियां हैं जो हिंदी फिल्म उद्योग में नवाजुद्दीन सिद्दीकी की यात्रा की सफलता की कहानी कहते हैं। अभिनेता की बस यही ख्वाहिश है कि सिनेमा पर उनकी सोच ‘‘कभी भ्रष्ट’’ नहीं हो। करीब 19 साल से नवाजुद्दीन लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने असाधारण काम किया है। चाहे वह बतौर जूनियर आर्टिस्ट हो या आज के बॉलीवुड में मुख्य अभिनेता का किरदार निभाना।
‘‘पतंग: द काइट’’, ‘‘मिस लवली’’, ‘‘हरामखोर’’ और ‘‘द लंचबॉक्स’’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से उन्होंने दुनियाभर में दर्शकों का दिल जीता। ‘‘द लंचबॉक्स’’ को कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में सराहा गया। नवाजुद्दीन ने बताया , ‘‘ मैं बस उम्मीद करता हूं कि सिनेमा को लेकर मेरी सोच कभी दूषित नहीं हो। जिस तरह का सिनेमा मैं कर रहा हूं , उन्हें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है - चाहे वह भारत में हो या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर। इन फिल्मों को दुनिया के प्रतिष्ठित महोत्सवों में दिखाया और सम्मानित किया गया है। एक अभिनेता के तौर पर जो तारीफ मुझे मिल रही है , उसे पाकर मैं अभिभूत हूं। मैं बस यही ख्वाहिश रखता हूं कि अच्छा काम करते रहने की मेरी यह सोच बनी रहे और मेरा यह ख्याल कभी मलिन नहीं पड़े।’’