लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पार्टी में खींचतान के लम्बे चले दौर के बाद कार्यकर्ताओं को ‘आल इज वेल’ का संदेश देते हुए आज कहा कि उन्होंने अपने बेटे सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आशीर्वाद दिया है और आगे भी देते रहेंगे। मुलायम ने अपने 79वें जन्मदिन पर सपा राज्य मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम अखिलेश को तो आशीर्वाद देते हैं और देते रहेंगे। इस सवाल को लेकर देश भर में चर्चाएं हैं कि हमने अखिलेश को आशीर्वाद दिया। मैंने कहा कि वह मेरा लड़का भी है और राजनीति भी करता है। मेरे लिये वह लड़का पहले है, और नेता बाद में।’’
मुलायम ने इस मौके पर केक काटा और सबसे पहले अखिलेश को खिलाया। मुलायम के मंच पर पहुंचते ही अखिलेश ने उनके पैर छूकर और शाल ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। उसके बाद अन्य नेताओं ने भी उन्हें बधाई दी। इस मौके पर मुलायम के छोटे भाई और अखिलेश के प्रतिद्वंद्वी शिवपाल सिंह यादव मौजूद नहीं रहे। सपा में सत्ता को लेकर खींचतान और तल्खी के लम्बे चले दौर के बाद अखिलेश और मुलायम ने पहली बार पार्टी मुख्यालय पर मंच साझा किया और खुशनुमा माहौल में एक-दूसरे से बात करते दिखायी दिये।
शिवपाल के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री और गत विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बसपा में शामिल हुए नारद राय भी मंच पर नजर आये। मालूम हो कि पिछले साल सितम्बर में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश को सपा के प्रान्तीय अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल को पदस्थ किये जाने के बाद से सपा में दो फाड़ हो गये थे। उस वक्त मुलायम शिवपाल के साथ खड़े नजर आ रहे थे। यह लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंची थी, जिसमें अखिलेश की जीत हुई थी। उसके फौरन बाद हुए विधानसभा चुनाव में सपा ने कांग्रेस से समझौता किया था, जिसका मुलायम ने विरोध किया था।
मुलायम और अखिलेश के बीच तल्खी इतनी ज्यादा नजर आयी कि सपा संस्थापक द्वारा शिवपाल के साथ मिलकर नयी पार्टी गठित किये जाने की नौबत तक आ गयी थी। हालांकि मुलायम ने ऐन वक्त पर इरादा बदल दिया था। उसके बाद से मुलायम और अखिलेश कुछ मौकों पर साथ तो दिखायी दिये लेकिन रिश्तों में वह गर्मजोशी नहीं देखी गयी, जो आज नजर आयी।
मुलायम के जन्मदिन पर उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के पूर्व अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने भगवान श्रीकृष्ण को लेकर की गयी उनकी टिप्पणी को साहित्यिक और शैक्षिक दृष्टि से बिल्कुल सही करार देते हुए कहा कि इसके जरिये मुलायम ने बहुत बड़ा रास्ता खोल दिया है। उन्होंने कहा ‘‘आज दक्षिण भारत में 90 प्रतिशत हिन्दुओं के नाम कृष्ण के नाम पर हैं। दुनिया में गीता पर जो शोध हुए वे कृष्ण की वजह से हुए। भगवान राम पूज्य हैं। उनके ऊपर किताबें भी बहुत लिखी गयी हैं लेकिन उनका एक वाक्य कहीं उद्धृत नहीं किया जाता। गीता को हर जगह उद्धृत किया जाता है। गीता पर हजार से अधिक टीकाएं हुई हैं। उस दृष्टि से आप (मुलायम) का बयान शैक्षिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक रूप से उच्चकोटि का था। आपने बहुत बड़ा रास्ता खोल दिया। अगर हम उस पर चलें तो हमें हर जगह सफलता मिलेगी।’’
मालूम हो कि मुलायम ने हाल में गाजियाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि भगवान राम पूज्य हैं लेकिन भगवान कृष्ण का सम्मान कहीं ज्यादा व्यापक हिस्सों में होता है। सिंह ने इस मौके पर मुलायम से जुड़े अपने कई संस्मरणों का भी जिक्र किया।