By अनुराग गुप्ता | Jun 24, 2022
मुंबई। महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई असम की राजधानी गुवाहाटी से चल रही थी। ऐसे में शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने मुंबई आने का फैसला किया है। आपको बता दें कि गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल से एकनाथ शिंदे रवाना हो चुके हैं। क्योंकि 'मातोश्री' से उन्हें लगातार मुंबई आने की चुनौती मिल रही थी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार से शुक्रवार को शिवसेना सांसद एवं नेता संजय राउत ने मुलाकात की।
राउत ने शिंदे को दी थी मुंबई आने की चुनौती
शरद पवार से मुलाकात के बाद संजय राउत के तेवर सख्त दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि हम हार मानने वाले नहीं हैं। हम जीतेंगे, हम सदन के फ्लोर पर जीतेंगे। अगर लड़ाई सड़क पर हुई तो वहां भी जीतेंगे। हमारा जिसे सामना करना है वह मुंबई में आ सकते हैं। इन्होंने (विधायकों ने) गलत कदम उठाया है। हमने इनको वापस आने का मौका भी दिया लेकिन अब समय निकल चुका है।
बागी विधायकों ने डिप्टी स्पीकर को लिखा पत्र
शिवसेना के 37 बागी विधायकों ने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को पत्र लिखा है, जिसमें एकनाथ शिंदे को अपना नेता माना है। इतना ही नहीं बागी विधायकों में शामिल दीपक केसरकर ने तो संजय राउत को करारा जवाब दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब एक पार्टी के दो-तिहाई से ज्यादा नेता एक अलग गुट का दावा कर रहे हैं तो उन्हें मान्यता मिलनी चाहिए और डिप्टी स्पीकर को हमसे बात करना चाहिए।
हमसे कभी नहीं मिले उद्धव ठाकरे
बागी विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि पहले कई बार विधायकों ने उद्धव जी से कहा था कि कांग्रेस हो या एनसीपी, दोनों ही शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। कई बार विधायकों ने उद्धव जी से मिलने के लिए समय मांगा लेकिन वे उनसे कभी नहीं मिले। उन्होंने कहा कि यदि आप शिवसेना के किसी विधायक के निर्वाचन क्षेत्र को देखें तो तहसीलदार से लेकर राजस्व अधिकारी तक कोई भी अधिकारी विधायक के परामर्श से नियुक्त नहीं किया जाता है। यह बात हमने उद्धव जी को कई बार बताई लेकिन उन्होंने कभी इसका जवाब नहीं दिया।