जमात की करतूत से भारत के मुस्लिम IAS, IPS निराश, समुदाय से सहयोग की अपील की

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 06, 2020

पैगंबर मोहम्मद की हदीसों (शिक्षाओं) का हवाला देकर मुस्लिम लोक सेवकों ने समुदाय के सदस्यों से जिम्मेदारी से व्यवहार करने और कोरोना वायरस से निपटने में साथी नागरिकों के लिए मिसालें तय करने की अपील की है। उन्होंने मीडिया से भी इस कोशिश में उनका सहयोग करने की गुजारिश की। एक खुले पत्र में 80 सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारियों ने कहा, ''समाज में बड़े पैमाने पर यह संदेश जा रहा है कि भारत में मुस्लिम, एक समूह के रूप में, कोरोना वायरस से निपटने के लिए 'सामाजिक दूरी और अन्य उपाय का पालन नहीं कर रहे हैं।''

 

इसे भी पढ़ें: कोरोना योद्धाओं के अभिनंदन के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाएगी भाजपा

खत में उन्होंने कुछ क्षुब्ध कर देनी वाली वीडियो का हवाला दिया, जिसमें दिख रहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव किया जा रहा और मुस्लिम समुदाय के लोग पुलिस कर्मियों से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ वीडियो में, पुलिस नमाज़ पढ़ने के लिए मस्जिद जाने पर उतारू लोगों पर लाठीचार्ज करने पर मजबूर हुई। अधिकारियों ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को किसी को भी यह मौका नहीं देना चाहिए कि वह उन पर भारत में इस महामारी को फैलाने का आरोप लगाए।


पत्र में कहा गया है कि उन्हें जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मार्गदर्शन और सरकार के आदेशों का पालन करना चाहिए, क्योंकि जो सही है उसका पालन करना चाहिए भले ही मजहब में उसके समर्थन में कुछ मिले या न मिले। अधिकारियों ने कहा कि बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए मस्जिदों में अस्थायी रूप से जाने से रोका जा रहा है। इसका मतलब यह नहीं है कि किसी ने मस्जिदों को स्थायी रूप से बंद कर दिया है। ऐसा जो लोग मान रहे हैं वे गलत कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि इस्लाम में खुदकुशी और किसी बीमारी को लेकर लापरवाही हराम है। 

 

इसे भी पढ़ें: एक लाख दिहाड़ी मजदूरों को महीने का राशन मुहैया कराएंगे अमिताभ

पत्र में कहा गया है कि यह विषाणु जिस शख्स को उसकी बेवकूफी से लगता है यह उसके जिस्म में कैद नहीं रहता है। यह तेजी से परिवार के सदस्यों और समाज को अपनी चपेट में लेता है, जिससे मासूम लोगों की जान जाती है। अधिकारियों का कहना है कि कुरान कहता है कि अगर किसी ने एक शख्स का कत्ल किया तो उसने पूरी इंसानीयत की हत्या की और किसी से एक व्यक्ति की जान बचाई तो उसने पूरी मानवता की हिजाफत की। पत्र में कहा गया है कि इस गहरे संकट के समय भारत की विभिन्न लोक सेवाओं में काम करने वाले अधिकारी भारत के मुस्लिम समुदाय से अपील करने को मजबूर हैं कि वे जिम्मेदार रवैया अपनाएं और कोरोना वायरस से निपटने के लिए साथी नागरिकों के लिए एक मिसाल पेश करें।


अधिकारियों ने उस खबर का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि भारत में रिपोर्ट हुए कोरोना वायरस के 25 फीसदी मामले दिल्ली में तबलीगी जमात के मार्च में हुए इज्तिमे से संबंधित हैं। पत्र में कहा गया है कि यह बीमारी खत्म होने और सामान्य जीवन बहाल होने के बाद मुस्लिम मस्जिद में जमात (सामूहिक रूप) से नमाज़ पढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल लोग सामाजिक दूरी बना कर घर में ही नमाज़ पढ़ सकते हैं। हमारा जिम्मेदाराना रवैया व्यक्ति उसके परिवार और देश को बचाएगा। अधिकारियों ने कहा कि महामारी को फैलने से रोकने और खुद की हिफाजत के लिए कदम उठाने का निर्देश देने वाली पैंगबर साहब की हदीसें हैं। पत्र में कहा गया है कि हम भारतीय मीडिया से अनुरोध करते हैं कि इस संकट के समय में हमारी कोशिश में सहयोग करें जो इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ लड़ाई में सरकार और समाज के प्रयासों में मदद कर सकता है। इस पत्र में आईएएस, आईपीएस और आईआरएस अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं।

 

 

प्रमुख खबरें

महिला शिक्षा का विरोध करने वाले मौलाना Sajjad Nomani से मिलीं Swara Bhaskar, नेटिजन्स ने लगा दी क्लास

कैंसर का खतरा होगा कम, बस रोजाना करें ये 5 योग

Maneka Gandhi और अन्य कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार से पशुओं की बलि पर रोक लगाने का आग्रह किया

ना मणिपुर एक है, ना मणिपुर सेफ है... Mallikarjun Kharge ने बीजेपी पर साधा निशाना