By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 11, 2021
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय भगवा दल को जोरदार झटका देते हुए शुक्रवार को अपने पुत्र शुभ्रांशु के साथ अपनी पुरानी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में वापस लौट गए। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य की सत्ताधारी पार्टी के अन्य नेताओं ने वापसी उनका स्वागत किया। पार्टी में औपचारिक रूप से फिर से शामिल होने के पहले मुकुल रॉय ने तृणमूल भवन में ममता बनर्जी के साथ मुलाकात की। तृणमूल के संस्थापकों में शामिल रॉय ने कहा कि वह सभी परिचित चेहरों को फिर से देखकर खुश हैं।’’ रॉय के पार्टी में शामिल होने के बाद तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि रॉय को भाजपा में धमकी दी गई थी और उन्हें प्रताड़ित किया गया, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ा।मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुकुल की वापसी साबित करती है कि भाजपा किसी को भी चैन से नहीं रहने देती और सब पर अनुचित दबाव डालती है।’’
बीजेपी बोली- संगठन पर नहीं होगा कोई असर
मुकुल रॉय की तृणमूल कांग्रेस में वापसी पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि इसका संगठन पर कोई असर नहीं होगा, वहीं पूर्व सांसद अनुपम हाजरा ने दावा किया कि गुटबाजी की राजनीति से पार्टी को नुकसान हो रहा है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने रॉय को अपनी तरफ से बधाई देते हुए कहा कि उन्हें तत्काल भाजपा के सभी पदों को छोड़ देना चाहिए। मजूमदार ने कहा, ‘‘मुकुल बाबू दिग्गज नेता हैं। वह बंगाल की राजनीति का जाना पहचाना चेहरा हैं। हम उन्हें नयी पारी के लिए शुभकामनाएं देते हैं, लेकिन क्या उन्हें भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और अन्य सभी पदों को तत्काल नहीं छोड़ देना चाहिए? क्या उन्हें विधायक के तौर पर इस्तीफा नहीं देना चाहिए क्योंकि वह कमल के निशान पर सीट जीते हैं।’’
भाजपा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का ओहदा रखने वाले मुकुल रॉय अपने बेटे शुभ्रांशु के साथ शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस में लौट गए। पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं ने यहां उनका स्वागत किया। वह 2017 में भाजपा में शामिल हो गए थे। और भी कई नेताओं के भाजपा में लंबे समय तक नहीं टिक पाने के रॉय के दावों पर कटाक्ष करते हुए मजूमदार ने कहा, ‘‘हम जानना चाहते हैं कि क्या वह अपने मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी दल के सदस्यों को रास्ते से हटाने की तृणमूल कांग्रेस की नयी राजनीति की ओर इशारा कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के आतंक के कारण भाजपा के कम से कम 18 हजार कार्यकर्ताओं को अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। माल्दा जिले में आदिवासी महिलाएं बेघर हो गयी हैं। महिलाओं पर हमलों की अन्य घटनाएं भी घटी हैं , जैसा कि भारत में कहीं नहीं होता।