By अंकित सिंह | Jul 28, 2021
बिहार सरकार में मंत्री और वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर काफी सक्रिय हो गए हैं। हालांकि वाराणसी में पहुंचने के बाद उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया जिसके बाद से वह भाजपा और उत्तर प्रदेश सरकार पर हमलावर हो गए हैं। मुकेश सहनी भाजपा के रवैये से नाराज बताए जा रहे हैं और यही कारण रहा कि वह पिछले दिनों एनडीए की बैठक में शामिल नहीं हुए। मुकेश सहनी ने एनडीए की बैठक का बहिष्कार किया जिसके बाद बिहार में राजनीतिक कयासों का दौर शुरू हो गया है। इतना ही नहीं, मुकेश सहनी ने तो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह आरोप लगा दिया एनडीए में उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं हो रहा है। इन सबके बीच एनडीए नेताओं ने भी मुकेश सहनी को कड़े शब्दों में चेता दिया है। लेकिन सबसे खास बात यह है कि मुकेश सहनी के विधायक अपने ही नेता से सहमत नजर नहीं आ रहे हैं।
मुकेश साहनी के एनडीए की बैठक से बहिष्कार को लेकर भाजपा नेता ने पलटवार किया है। बिहार भाजपा के उपाध्यक्ष और मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद ने कहा कि मुकेश सहनी के जाने से बिहार में एनडीए पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अजय निषाद ने तो यह तक कह दिया कि भाजपा ने उन्हें हमेशा सम्मान दिया है। वह यूपीए से लोकसभा का चुनाव लड़े लेकिन हार गए। एनडीए से विधानसभा का चुनाव लड़े और फिर भी हार गए। लेकिन भाजपा ने हीं उन्हें एमएलसी बनाया और मंत्री भी बनाया। वाराणसी वाली घटना को लेकर अजय निषाद ने साफ तौर पर कहा कि स्थानीय प्रशासन उन्हें क्यों बाहर आने नहीं दिया यह सवाल हो सकता है। लेकिन इससे योगी आदित्यनाथ का कोई लेना देना नहीं है।
वहीं दूसरी ओर अब वीआईपी पार्टी के विधायक डॉ. राजू कुमार सिंह ने एनडीए की बैठक का बहिष्कार करने को लेकर अपने अध्यक्ष मुकेश सहनी से नाराजगी जताई है। मीडिया कर्मियों से राजू कुमार सिंह ने कहा कि एनडीए विधायक दल की बैठक में शामिल ना हो ना मुकेश सहनी का व्यक्तिगत निर्णय हो सकता है। उन्होंने पार्टी विधायकों की राय लिए बिना ही यह निर्णय लिया है। राजू कुमार सिंह ने तो यह भी कहा कि आने वाले दिनों में पार्टी इस पर बैठक करेगी और कोई ठोस निर्णय लेगी।
वहीं, जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने साफ तौर पर कह दिया कि एनडीए के जितने विधायक हैं सबकी भागीदारी बराबर है। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री सब की बात सुनते हैं। मुकेश सहनी को इस तरह की प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। लेकिन जिस तरह से मुकेश सहनी एनडीए के खिलाफ हथियार कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में वह बिहार में नई सियासी समीकरणों को जन्म दे सकते हैं। हालांकि उन्हीं के पार्टी के विधायक उनकी राय से अलग नजर आ रहे हैं। ऐसे में कहीं ऐसा ना हो कि 4 विधायकों वाली मुकेश सहनी की पार्टी टूट जाए और उनके सभी विधायक दूसरे दल में शामिल हो जाएं। सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि मुकेश सहनी अलग राह पर चल रहे हैं तो उनका हाल चिराग पासवान की तरह हो सकता है, जिस तरह चिराग पासवान ने मार्ग बदला तो सारे सांसद उनके खिलाफ हो गए वैसे ही मुकेश सहनी अगर ऐसा करेंगे तो सभी विधायक एनडीए के साथ रह जाएंगे और वीआईपी के मुखिया का हाल चिराग पासवान की तरह हो जाएगा।