सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी देश को एकता की डोर में बांध सकती है: अमित शाह

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 14, 2019

नयी दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष एवं गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को हिंदी दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी। साथ ही शाह ने कहा कि सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी देश को एकता की डोर में बांधने एवं विश्व में भारत की पहचान बनाने का काम कर सकती है। अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘‘आज हिंदी दिवस के अवसर पर मैं देश के सभी नागरिकों से अपील करता हूँ कि हम अपनी- अपनी मातृभाषा के प्रयोग को बढाएं और साथ में हिंदी भाषा का भी प्रयोग कर देश की एक भाषा के पूज्य बापू और लौह पुरूष सरदार पटेल के स्वप्न को साकार करने में योगदान दें।’’ हिंदी दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने।

 

शाह ने कहा कि आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है। वहीं, हिंदी दिवस पर एक समारोह के संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि देश में विभिन्न भाषाओं, बोलियों और संस्कृतियों का समावेश है। ऐसे में जब राजभाषा का निर्णय करना हो, तो स्वाभाविक है कि मतान्तर होंगे ही।उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने समग्र स्थिति का अवलोकन किया और पूरी संविधान सभा ने सर्वानुमत से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया।शाह ने कहा, ‘‘दुनिया में कई देश ऐसे हैं जो अपनी भाषा को छोड़ चुके हैं, ऐसे देश अपनी संस्कृति और संस्कारों का संरक्षण नहीं कर सकते हैं। भारतीय समाज को भी अपनी भाषा को लेकर आत्म चिंतन करने की जरूरत है।’’ 

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गृह मंत्री ने कहा कि भारत में बोली जाने वाली भाषाएं दुनिया की सभी भाषाओं में सबसे समृद्ध हैं। हमारे देश की सभी भाषाएं दुनियाभर की भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ हैं।उन्होंने कहा, ‘‘ मैं देशभर के लोगों से आह्वान करना चाहता हूं कि अपने बच्चों से, अपने सहकर्मियों से तो अपनी भाषा में बात कीजिए। अगर हम ही अपनी भाषाओं को छोड़ देंगे तो कैसे उन्हें लंबे समय तक जीवित रखा जा सकेगा ।’’ उन्होंने कहा कि अगले वर्ष हम देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदी दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे।उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय में आज 60 प्रतिशत फाइल हिंदी नोटिंग के साथ आ रही है जबकि पहले ऐसी स्थिति नहीं थी।शाह ने इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा हिंदी में संबोधित किये जाने का भी उल्लेख किया।

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