By प्रेस विज्ञप्ति | Jul 26, 2021
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार काम कर रही है। सरकार द्वारा आज भी कई बड़े निर्णय लिए गए। आइए पढ़ते हैं उत्तर प्रदेश की दिनभर की आज की बड़ी खबर।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गईं 314 नावें
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने वर्षा की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश के वर्तमान में सभी तटबन्ध सुरक्षित हैं, कहीं भी किसी प्रकार की चिन्ताजनक परिस्थिति नहीं है। गत 24 घंटे में प्रदेश में 0.6 मिमी औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा से 8.9 मिमी के सापेक्ष 07 प्रतिशत है। इस प्रकार प्रदेश में 01 जून, 2021 से अब तक 286.4 मिमी औसत वर्षा हुए, जो सामान्य वर्षा 313.9 मिमी के सापेक्ष 91 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि गंगा नदी कचलाब्रिज शारदा नदी पलियाकलॉ खीरी, घाघरा नदी अयोध्या, तुरतीपार बलिया, तथा क्वानों चन्द्रदीपघाट गोण्डा में खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश के वर्षा से प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पीएसी की कुल 37 टीमें तैनाती की गयी है, 404 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है तथा 177 मेडिकल टीमें लगायी गयी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ द्वारा 152 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।प्रसाद ने बताया कि अब तक कुल 3675 ड्राई राशन किट वितरित किए गये हैं। अब तक कुल 12,581 फूड पैकेट वितरित किए गए हैं। प्रदेश में 391 बाढ़ शरणालय तथा 607 बाढ़ चौकी स्थापित की गयी है। प्रदेश में विगत 24 घंटों में स्थापित किए गए पशु शिविर की संख्या 01 अब तक कुल 232 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं। विगत 24 घंटों में पशु टीकाकरण की संख्या 1534 तथा अब तक कुल पशु टीकाकरण की संख्या 1,04,337 है।ग्राम सचिवालय में जन सेवा केन्द्र एवं बीसीसखी के लिए उपलब्ध कराया जाएगा स्थान
उत्तर प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने आज लोक भवन स्थित मीडिया सेन्टर में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान बताया कि ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय की स्थापना हेतु राज्य सरकार का अत्यन्त महत्वाकांक्षी, क्रांतिकारी पहल है। उत्तर प्रदेश में 58189 ग्राम पंचायतें हैं। प्रदेश में अभी तक ग्राम पंचायतें अपना कार्यालय व्यवस्थित रूप से स्थापित नहीं कर पायी हैं, जबकि सभी सरकारी योजनाएं ग्राम पंचायतों से ही संचालित होनी है। उत्तर प्रदेश की 78 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतों में निवास करती है। समस्त योजनाओं के संचालन के लिए एवं वास्तविक विकास के लिए पंचायत भवन अथवा सामुदायिक भवन का निर्माण तथा संचालन अत्यन्त आवश्यक है। 58189 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष ग्राम पंचायत अधिकारियों/ग्राम विकास अधिकारी के 16421 पद सृजित पदों के सापेक्ष वर्तमान में सिर्फ 11008 कर्मी ही कार्यरत है।स्पष्ट है कि एक कर्मचारी के पास पांच से अधिक ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें वह प्रतिदिन उपस्थित होकर कार्य नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 98189 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों की उपलब्धता का प्रश्न है, उसकी स्थिति इस प्रकार है। प्रदेश में पूर्व से निर्मित पंचायत भवनों की संख्या 33577 है। (इन पंचायत भवनों में आवश्यकतानुसार मरम्मत और कक्ष विस्तार की कार्यवाही अगले तीन माह में पूर्ण कर ली जायेगी), वर्तमान में 24617 पंचायत भवन का निर्माण कराया जा रहा है। जिनमें से 2088 आर0जी0एस0ए0 योजना से तथा 22529 वित्त आयोग एवं मनरेगा से अगले तीन माह में पूरे कर लिये जायेंगे, पंचायत भवनों को ग्राम सचिवालय के रूप में सुसज्जित करने के लिए फर्नीचर एवं कम्प्यूटर आदि के लिए प्रति पंचायत भवन 1.75 लाख की धनराशि दी जायेगी, ग्राम पंचायतें रू0 1.75 लाख की धनराशि से स्वतः ही फर्नीचर तथा कम्प्यूटर का क्रय करेंगी। ब्लॉक व जिले स्तर से इसमें कोई सप्लाई नहीं होगी, ग्राम सचिवालय में इन्टरनेट की व्यवस्था पंचायत द्वारा भारत नेट अथवा जो भी कनेक्शन उपलब्ध हो के माध्यम से ले ली जायेगी, ग्राम सचिवालय में जन सेवा केन्द्र एवं बीसीसखी के लिए भी स्थान उपलब्ध कराया जायेगा।मंत्री चौधरी ने पंचायत सहायक/एकाउन्टेंट कम डाटा एन्ट्री आपरेटर के चयन की आवश्यकता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 58189 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष ग्राम पंचायत अधिकारियों/ग्राम विकास अधिकारी के 16421 पद सृजित पदों के सापेक्ष वर्तमान में सिर्फ 11008 कर्मी ही कार्यरत हैं। स्पष्ट है कि एक कर्मचारी के पास पांच से अधिक ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें वह प्रतिदिन उपस्थित होकर कार्य नहीं कर सकता है। ग्राम सचिवालय के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक कर्मी कार्यालय के दिन प्रतिदिन के संचालय के लिए आवश्यक है।चयन की प्रक्रिया में पंचायत सहायक/एकाउन्टेंट कम डाटा एन्ट्री आपरेटर की नियुक्ति ग्राम पंचायत के प्रधान द्वारा आवेदन पत्र आमंत्रित करके की जायेगी, सूचना के प्रकाशन की तिथि के 15 दिन तक आवेदन पत्र ग्राम पंचायत, विकास खण्ड अथवा जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में जमा किये जा सकते हैं, चयन की प्रक्रिया 30 जुलाई, 2021 से आरम्भ होकर 10 सितम्बर, 2021 तक पूर्ण कर ली जायेगी, शैक्षिक अर्हता आयु एवं जाति सम्बन्धी प्रमाण-पत्र के साथ आवेदन पत्र ग्राम पंचायत की प्रशासनिक समिति के समक्ष रखे जायेंगे, जो हाई स्कूल तथा इण्टरमीडिएट के प्राप्ताकों के प्रतिशत के औसत अंकों के अवरोही क्रम में तैयार पात्रता सूची से अभ्यर्थी का चयन करेंगी, ग्राम पंचायत के द्वारा चयनित अभ्यर्थी की सेवाएं एक वर्ष की संविदा पर होगी। एक वर्ष की अवधि की समाप्ती पर नया चयन किया जायेगा या सेवाएं संतोषजनक होने पर ग्राम सभा की खुली बैठक में प्रस्ताव पारित करके पुनः उसकी संविदा को अधिक 2 वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकेगा।पंचायतीराज मंत्री ने बताया कि पंचायत सहायक/एकाउन्टेंट कम डाटा एन्ट्री आपरेटर हेतु अर्हताएं इस प्रकार हैं, न्यूनतम शैक्षिक योग्यता उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित इण्टरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण हो या राज्य सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई अन्य अर्हता हो, चयन न्यूनतम आयु 01 जुलाई, 2021 को 18 वर्ष तथा अधिकतम 40 वर्ष हो। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 05 वर्ष की छूट, आवेदक उसी ग्राम पंचायत का निवासी होना चाहिए। जो पंचायतें जिस श्रेणी में आरक्षित हैं, उन पंचायतों में उसी आरक्षित श्रेणी के पंचायत सहायक का चयन किया जायेगा। कोविड-19 से मृतक के वारिसान हेतु प्राविधान के सम्बंध में ग्राम पंचायत में कोविड-19 से मृत व्यक्ति के परिवार से कोई व्यक्ति अगर उस ग्राम पंचायत आरक्षण श्रेणी को पूरा करते हैं और इण्टरमीडिएट पास हैं तो उन्हें चयन किया जायेगा, यदि कोविड से मृत्यु के वारिसानों के एक से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त होते हैं तो वहां हाई स्कूल और इण्टरमीडिएट के प्राप्ताकों के प्रतिशत का औसत जिसका अधिक होगा, उसे चयनित किया जायेगा, कोविड-19 पाजीटिव होने की तिथि से 30 दिन के अन्दर मृत्यु होने की दशा में उसे कोविड से हुई मृत्यु मानी जायेगी, जिसके लिए कोविड-19 की जांच रिपोर्ट एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा।
पंचायत सहायक/एकाउन्टेंट कम डाटा एन्ट्री आपरेटर को ग्राम पंचायत द्वारा रू. 6000 प्रति माह मानदेय का भुगतान वित्त आयोग की धनराशि अथवा अन्य योजनाओं की प्रशासनिक मद की धनराशि से किया जायेगा। पंचायत सहायक/एकाउन्टेंट कम डाटा एन्ट्री आपरेटर को 2 माह के अन्दर प्रारम्भिक प्रशिक्षण प्रिट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने पंचायत सहायक/एकाउन्टेंट कम डाटा एन्ट्री आपरेटर के विरूद्ध कार्यवाही के सम्बंध में बताया कि पंचायत सहायक/एकाउन्टेंट कम डाटा एन्ट्री आपरेटर का कार्य एवं आचरण असंतोषजनक होने की दशा में उसके विरूद्ध कार्यवाही का अधिकार ग्राम पंचायत में निहित होगा। उन्होंने सम्बन्धियों के पंचायत सहायक/एकाउन्टेंट कम डाटा एन्ट्री आपरेटर के रूप में रखने पर रोक के बारे में बताया कि कोई भी व्यक्ति जो सम्बन्धित ग्राम पंचायत के प्रधान, सदस्य अथवा सचिव का सम्बन्धी होगा उसका पंचायत सहायक/एकाउन्टेंट कम डाटा एन्ट्री आपरेटर के रूप में नहीं किया जा सकता है, पंचायत सहायक/एकाउन्टेंट कम डाटा एन्ट्री आपरेटर के कर्तव्य इस प्रकार होंगे कि ग्राम सचिवालय को नियमित रूप से खोलना, ग्राम पंचायत के वार्षिक कार्ययोजना की आनलाईन एन्ट्री, विभिन्न विभागों द्वारा संचालित व्यक्तिगत लाभार्थियों के बारे में सूचना अपने कम्प्यूटर पर संरक्षित रखना, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट और पेयजल के यूजर चार्ज के नियमित कलेक्शन का काम तथा ग्राम पंचायत की समस्त बैठकों में प्रतिभाग करना है।पंचायतीराज मंत्री ने बताया कि ग्राम सचिवालय की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मचारी की होगी। ग्राम पंचायत से सम्बन्धित समस्त प्रकार के दस्तावेज और अभिलेख ग्राम पंचायत कार्यालय में उपलब्ध रहेंगे जैसे कि एक विभिन्न योजनाओं से प्राप्त होने वाली धनराशि, बीपीएल परिवारों की सूची, विभिन्न योजनाओं के पात्र लाभार्थियों की सूची, विभिन्न योजनाओं में लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र वित्त पोषण में ग्राम सचिवालय की स्थापना और संचालन केन्द्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, ग्राम पंचायत के स्वयं के संसाधन एवं विभिन्न योजनाओं के प्रशासनिक धनराशि से किया जायेगा, ग्राम सचिवालय में फर्नीचर एवं कम्प्यूटर इत्यादि के स्थापना, पंचायत सहायक/एकाउन्टेंट कम डाटा एन्ट्री आपरेटर के आवेदन पत्र, ग्राम पंचायत एवं चयनित पंचायत सहायक/एकाउन्टेंट कम डाटा एन्ट्री आपरेटर के मध्य किये जाने वाले अनुबन्ध, पंचायत सहायक/एकाउन्टेंट कम डाटा एन्ट्री आपरेटर के चयन की समय सारणी के अनुसार किया जायेगा।इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, निदेशक पंचायतीराज किंजल सिंह, उप निदेशक पंचायत प्रवीणा चौधरी एवं एसएन सिंह उपस्थित थे।जनपद न्यायालय लखनऊ परिसर के कार्य हेतु 86.46 लाख रूपये स्वीकृत
उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद न्यायालय लखनऊ परिसर में स्थित उत्तरी भवन, दक्षिणी भवन एवं बहुखण्डी भवन में स्थापित न्यायालय के सभी कक्षों में लकड़ी के डायस तथा उन पर पीवीसी मैटिंग लगाने हेतु 86.46 लाख रूपये (छियासी लाख छियालीस हजार) की अवशेष धनराशि की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस सम्बंध में न्याय विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। जारी शासनादेश में यह भी निर्देश दिये गये हैं कि कराये जा रहे कार्यों में गुणवत्ता एवं समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाय।पुराने ग्राम रोजगार सेवक की निकट के रिक्त ग्राम पंचायत में की जा सकती है तैनातीउत्तर प्रदेश सरकार ने जिन ग्राम पंचायतों में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों के निकटस्थ परिवारीजन ग्राम रोजगार सेवक के पद पर तैनात हैं, वहां नये ग्राम रोजगार सेवक का चयन करने का निर्णय लिया है। पुराने ग्राम रोजगार सेवक के अनुभव का लाभ प्राप्त किये जाने हेतु निकट के ग्राम पंचायत की सहमति से इनकी तैनाती उस ग्राम पंचायत में की जा सकती है। इसके अलावा आपसी सहमति से दो ग्राम पंचायतें अपने ग्राम रोजगार सेवकों का परस्पर स्थानान्तरण जनपद स्तरीय अधिकारी को प्रस्ताव भेज कर, प्रस्ताव की सहमति प्राप्त करने के पश्चात कर सकती हैं।इस सम्बन्ध में ग्राम्य विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों तथा जिला कार्यक्रम समन्वयकों को निर्देश जारी कर दिये हैं।उल्लेखनीय है कि प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन-2021 संपादित हुए हैं। प्रदेश में कतिपय ग्राम पंचायतों में नव-निर्वाचित ग्राम प्रधानों के निकटस्थ परिवारजन मनरेगा योजना के तहत ग्राम रोजगार सेवक के पर पर भी तैनात हैं, जिससे विभागीय कार्यों की पारदर्शिता एवं गुणवत्ता प्रभावित होने के साथ ही योजना के उद्देश्यों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की सम्भावना है।वन संबंधी शोध कार्य एवं प्रसार योजना हेतु 16 लाख रूपये स्वीकृतउत्तर प्रदेश सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्राविधानित बजट के सापेक्ष वन संबंधी शोध कार्य एवं प्रसार योजना हेतु 16 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान कर दी है।इस संबंध में पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। इस शासनादेश में उल्लेख किया गया है कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि कार्य अनुमोदित लागत एवं निर्धारित मानक के अनुरूप हो। साथ ही इसकी रिपोर्ट शासन को भी समय-समय पर उपलब्ध कराई जाये। इसके अतिरिक्त कार्य गुणवत्ता, मानक एवं विशिष्टियों की जिम्मेदारी प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष की होगी। योजनान्तर्गत किये जा रहे कार्य की प्रगति का चित्र विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।उपमुख्यमंत्री ने श्री गुरू मंदिर नंगली साहब मंदिर के दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली के लिये की प्रार्थनाउपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कल रविवार को श्री गुरू मंदिर नंगली साहब तहसील सरधना, जनपद मेरठ का दौरा कर महामण्डलेश्वर स्वामी जी से भेंट की। उपमुख्यमंत्री ने मंदिर में माथा टेका, पुष्प अर्पित किये, माल्यार्पण किया, परिक्रमा व आरती की। उन्होने प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की।उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि नंगली तीर्थ का अपना महत्व है। उन्होने कहा कि नंगली तीर्थ के दर्शन करने दूर दराज से लोग आते है। उन्होने मंदिर में महामण्डलेश्वर स्वामी शिव प्रेमानंद जी महाराज से शिष्टाचार भेंट कर उनका अभिवादन किया। मंदिर में सांसद श्री राजेन्द्र अग्रवाल, सांसद राज्यसभा श्रीमती कांता कर्दम, विधायक श्री संगीत सोम सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने मंदिर में पूजा अर्चना की।
इस अवसर पर राजेन्द्र अग्रवाल, सांसद राज्यसभा कांता कर्दम, विधायक संगीत सोम सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व जिलाधिकारी, एसएसपी आदि उपस्थित रहे।उपमुख्यमंत्री ने सर्किट हाऊस में किया पौधारोपणउप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को सर्किट हाऊस, मेरठ में पौधारोपण किया। उन्होने कहा कि वृक्ष धरती के आभूषण हैं। उन्होने कहा कि सभी को अपने जीवनकाल में वृक्षारोपण अवश्य करना चाहिए तथा लगाये गये पौधे की देखभाल भी करनी चाहिए। उन्होने कहा कि उप्र में वृक्षारोपण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य हुआ है। उन्होने कहा कि वृक्ष जलवायु परिवर्तन व वातावरण संतुलन में सहायक है तथा इससे हमें प्राणदायिनी ऑक्सीजन प्राप्त होती है।इस अवसर पर सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, सांसद राज्यसभा कांता कर्दम, विधायकगण सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण आदि उपस्थित रहे।उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष ने मीडिया प्रतिनिधियों को किया संबोधितउत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष मनीष गुप्ता ने आज यहां जवाहर भवन (आठवें तल) स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के व्यापारियों की मांग के आधार पर सेलटैक्स/वैट/वाणिज्य कर व मनोरंजन कर, केबिल टीवी आपरेटरों के लम्बित विभिन्न बकाये, ब्याजों व मुकदमों के निस्तारण के लिए एकमुश्त समाधान योजना पूरे प्रदेश में लागू किए जाने हेतु उनके द्वारा राज्य सरकार को संस्तुति भेज दी गई है। इससे प्रदेश के लाखों व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा और राज्य सरकार को भी भारी राजस्व की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही ओटीएस की धनराशि को जमा करने के लिए किस्तों में भुगतान किये जाने की संस्तुति भी की है।व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों/पुलिस अधीक्षकों/ नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ की मासिक बैठक कर व्यापारी/उद्यमियों की समस्या का निस्तारण जिला स्तर पर ही कराकर प्रतिमाह प्रगति रिपोर्ट से बोर्ड को अवगत करायेंगे। उन्होंने कहा कि होटल व्यवसाय को उद्योग का दर्जा प्रदान किये जाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे प्रदेश में होटल इण्डस्ट्री के व्यवसाय व औद्योगीकरण से सम्बंधित सुविधाएं प्राप्त हो सकेगी।व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि लूट, हत्या, आगजनी, दंगों इत्यादि से प्रभावित उद्यमियों/व्यापारियों के प्राथमिकता के आधार पर शस्त्र लाइसेंस प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थानों जैसे यूपीएसआईडीसी, विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद, मण्डी परिषद आदि व्यवसायिक संस्थानों में व्यापारियों और उद्यमियों के लिए व्यावसायिक सम्पत्तियों की नीलामी, आवंटन, विक्रय की प्रक्रिया तत्काल पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में ऑनलाइन सिंगल विण्डो सिस्टम लागू है, जिससे सम्बंधित विषयों की मासिक समीक्षा बोर्ड द्वारा की गयी तथा लम्बित प्रकरणों का समय पर निस्तारण किया जायेगा। नगर निगमों/नगर महापालिकाओं में रेन्ट की सम्पत्तियों के बढ़े हुए किरायों को पुनः वापस पुरानी दरों पर अथवा विधिसम्मत दरों पर लेने के लिए संस्तुति भेजी जा रही है।
व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि उप्र के विभिन्न हिस्सों में भारत विभाजन के पश्चात आये हुए नागरिकों को आवास व व्यवसाय हेतु दुकान, मकान आदि उपलब्ध कराये गये थे, जो कि राज्य सरकार की सम्पत्ति है, जिनके रखरखाव का कार्य प्रदेश के विभिन्न नगर पालिकाओं, नगर निगमों आदि विभागों को दिया गया था। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं। इस उपलक्ष्य में उन सभी को अपनी दुकानों, मकानों, भवनों का स्वामित्व प्रदान करने के लिए प्रचलित उनकी रजिस्ट्रीकरण करने की संस्तुति उप्र व्यापारी कल्याण बोर्ड द्वारा राज्य सरकार को भेजी जा रही है। जीएसटी/श्रम/मण्डी परिषद आदि विभागों में रजिस्टर्ड व्यापारी, उद्यमी, पल्लेदार, मजदूर, कामगारों की विभिन्न दुर्घटनाओं में घायल, मृत्यु आदि की दशा में दी जाने वाली सहायता राशि के प्रार्थना-पत्रों का प्रतिमाह मासिक निस्तारण किया जायेगा, जिसकी समीक्षा भी उप्र व्यापारी कल्याण बोर्ड द्वारा की जायेगी।अब तक 01 करोड़ से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण हुआप्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने पंजीकृत निर्माण श्रमिको की कक्षा-9वीं से कक्षा 12वीं उत्तीर्ण पुत्र/पुत्रियों हेतु संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के अन्तर्गत आज जनपद सिद्धार्थनगर के विकास खण्ड बांसी में 25 छात्र/छात्राओं तथा विकास खण्ड मिठवल में 25 छात्र/छात्राओं को साइकिल प्रदान किया। इस अवसर पर सांसद डुमरियागंज प्रतिनिधि एसपी अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी पुलकित गर्ग आदि उपस्थित थे।इस अवसर पर श्रम मंत्री ने कहा कि श्रम विभाग पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित कर रहा है। श्रमिकों का अधिक से अधिक पंजीकरण हो, इसके लिए मैं स्वयं प्रत्येक जिले के लेबर अड्डों पर गया, जिसका परिणाम रहा कि अब तक 01 करोड़ से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण हो चुका है, जबकि प्रदेश की वर्तमान सरकार के पहले पिछले 10 सालों में मात्र 36 लाख श्रमिकों का पंजीकरण हुआ था।श्रम मंत्री ने कहा कि ऐसे सभी श्रमिक जो 18-60 वर्ष आयु के है और पंजीकरण के समय पिछले 12 माह में 90 दिनो तक निर्माण श्रमिक के रूप में कार्य किया हो। निर्माण श्रमिक श्रम विभाग के जिला श्रम कार्यालय/जन सेवा केन्द्रों पर पंजीयन फार्म के साथ एक फोटो, आधार कार्ड और बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ निर्माण श्रमिक के रूप में गत 12 माह में 90 दिनो तक कार्य करने का प्रमाण-पत्र/ रू 20 पंजीकरण शुल्क तथा रू 20 एक वर्ष का अंशदान शुल्क के साथ सम्पर्क करे। निर्माण श्रमिक एक साथ तीन वर्ष का अंशदान रू0 60 जमा कर सकता है।
सिद्धार्थनगर जनपद के प्रभारी मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने विकास खण्ड-बांसी सभागार में श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने निर्देशित किया कि विभाग द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ श्रमिकों के जीवन को सुखमय बनाने के लिए उन तक पहुंचाया जाय तथा अभियान चलाकर श्रमिक पंजीकरण कार्य में तेजी लाई जाय।इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी शेषमणि सिंह, पीडी सन्त कुमार, जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह, जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी लीलाधर सहित अन्य संबधित अधिकारी उपस्थित थे।पशु रोग अनुसन्धान तथा निदान एवं सेवाओं के विस्तार हेतु एक करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृतउत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पशु चिकित्सा सेवाओं के लिए पशु रोग अनुसन्धान तथा निदान एवं सेवाओं के विस्तार हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इस योजनार्न्तगत पशुओं की चिकित्सा व आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं। योजना का उद्देश्य पशु चिकित्सालय स्तर पर पशुचिकित्सा सेवाओं हेतु औषधि एवं उपकरण की व्यवस्था करना है। इससे जहां दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो रही है वहीं पशुपालको के पशु सम्पदा की रक्षा कर आर्थिक हानि से बचाव भी सुनिश्चित हो रहा है।पशुधन विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए योजना के उचित क्रियान्वयन हेतु निदेशक, रोग नियंत्रण एव प्रक्षेत्र, पशुपालन विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गयें हैं। शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि का व्यय निर्धारित गाइडलाइन का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए किया जाये।बुंदेलखण्ड क्षेत्र के विभिन्न जनपदों के पुल/पुलियों की मरम्मत कार्यसिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग द्वारा बुंदेलखण्ड क्षेत्र के विभिन्न जनपदों में स्थित जर्जर पुल, पुलियों की मरम्मत, पुनर्निमाण एवं नवनिर्माण हेतु प्रावधानित धनराशि में से 1470.49 लाख रूपये स्वीकृत की गयी है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से 20 जुलाई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है।इस स्वीकृत धनराशि से ब्रिज हैड रेगुलटर कम ब्रिज आफ लोअर राजघाट अपर कैनाल एण्ड चौधरी चरण सिंह अपर राजघाट कैनाल एण्ड इट्स डिस्टीब्यूशन सिस्टम की परियोजना, अम्बाबाय, सीपरी, सिजार एवं पथरई नहर प्रणाली के पुल, फॉल एवं रेगुलेटर की मरम्मत की परियोजना, धसान नहर प्रणाली के अन्तर्गत पक्के कार्यों की मरम्मत के कार्य की परियोजना, केन नहर प्रणाली के अन्तर्गत बांदा शाखा के क्षतिग्रस्त पुल/पुलिया एवं कुलाबा की पुनर्स्थापना की परियोजना, जनपद झांसी में पहूच/गढ़मऊ नहर प्रणाली के पक्के कार्यों की मरम्मत एवं पुनर्स्थापना कार्य की परियोजना, चिल्लीमल पम्प नहर के पक्के कार्यों की मरम्मत, गेटों की स्थापना, कुलाबों का निर्धारण एवं नहर के बैंक के सुदृ़ढ़ीकरण की परियेाजना, जनपद चित्रकूट में बरूआ एवं पयश्यनी की नहर प्रणाली तथा ओहन एवं बन्धी, टैकों की नहर प्रणाली पर पक्की संरचनाओं के मरम्मत कार्यों की परियोजना, उर्मिल बंध से निकली नहर प्रणाली के बीआरवी, फॉल एक्वाडक्ट हेड रेगुलेटर गेट की मरम्मत एवं पुर्ननिर्माण के कार्यों की परियेाजना, अर्जुन बांध से निकली नहर, प्रणाली के वीआरबी फॉल एक्वाडक्ट, हेड रेगुलेटर एवं हेड रेगुलेटर गेट की मरम्मत एवं पुर्ननिर्माण के कार्यों की परियोजना तथा मझगवां बांध से निकली नहर प्रणाली के वीआरबी, फॉल एक्वाडक्ट हेड रेगुलेटर एवं हेड रेगुलेटर गेट की मरम्मत एवं पुर्ननिर्माण के कार्यों की परियोजना, केन नहर प्रणाली के अन्तर्गत अतर्रा शाखा के क्षतिग्रस्त पुल/पुलिया एवं कुलाबा पुनर्स्थापना की परियोजना के कार्य कराये जायेंगे।शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि का प्रयोग स्वीकृत परियोजना पर ही किया जायेगा। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की गड़बड़ी के लिए समय से जिम्मेदारी विभाग की होगी। परियोजनाओं को समय से गुणवत्ता के साथ एवं वित्तीय अनुशासन का अनुपालन करते हुए पूरा करना होगा। निर्माण कार्य को निर्धारित समय में गुणवत्ता के साथ पूरा कराना होगा।रसिन बांध के अवशेष कार्यों हेतु 50 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृतसिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग द्वारा रसिन बांध के अवशेष कार्य की चतुर्थ पुनरीक्षित परियोजना हेतु प्रावधानित धनराशि 1939 लाख रूपये में से 50 लाख रूपये इस प्रकार कुल धनराशि 132.28 लाख रूपये परियोजना के अवशेष कार्यों पर व्यय किये जाने हेतु प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग के निर्वतन पर रखी गयी है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई मुश्ताक अहमद की ओर से शासनादेश जारी कर दिया गया है।शासनादेश में जारी कर दिया गया है कि स्वीकृत धनराशि का उपयोग वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया जायेगा। विभाग द्वारा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक एवं पर्यावरणीय क्लीयरेन्स की सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त करके ही निर्माण कार्य कराया जायेगा। निर्माण कार्य को निर्धारित समय में गुणवत्ता के साथ पूरा कराना होगा।
जनपद उन्नाव में अवैध कब्जाधारियों से खाली करायी गयी जमीनउत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह के निर्देश पर जनपद उन्नाव में सिंचाई विभाग की जमीन पर किये गये अवैध कब्जे को स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस के सहयोग से हटवाकर लगभग ढाई एकड़ जमीन मुक्त करायी गयी। इस जमीन की अनुमानित कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रूपये है।यह जानकारी प्रमुख अभियंता (यांत्रिक) लखनऊ देवेन्द्र अग्रवाल ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि लखनऊ-कानपुर राजमार्ग पर जनपद उन्नाव के विकासखण्ड नवाबगंज के ग्राम सोहरामऊ में स्थित बनीनार्थ पम्प नहर की मुख्य नहर एवं सोहरामऊ माइनर पर 11 व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्जा किया गया था, जिसकी एफआईआर सोहरामऊ थाने में 28 सितम्बर 2020 को करायी गयी थी।गाटा संख्या 167 एवं 80 (आंशिक रूप से) पर अवैध रूप से काबिज 05 व्यक्तियों के द्वारा किये गये कब्जे को 01 फरवरी, 2021 को अतिक्रमणमुक्त कराया गया था, परन्तु 06 लोगों द्वारा पक्के भवनों का निर्माण करा लिया गया था। इन लोगों को लगातार नोटिस देने के उपरान्त भी अवैध कब्जा नहीं हटाये जा रहे थे। ये कब्जा लगभग 06 वर्ष पुराने थे।इन अवैध निर्माणों को सिंचाई विभाग की जमीन से हटाने के लिए जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने कड़े निर्देश दिये थे। उनका कहना है कि सिंचाई विभाग की जमीन पर जहां भी अवैध कब्जा किया गया हो, उसे नियमानुसार कार्यवाही करते हुए तत्काल हटाया जाय। इसी क्रम में इस जमीन को 10 जेसीबी एवं 02 पोकलैण्ड मशीनों की मदद से कब्जा करके जमीन को खाली करा लिया गया।इस अवसर पर मुख्य अभियंता (नलकूप-मध्य) लखनऊ आलोक गोयल, अधीक्षण अभियंता नलकूप मण्डल लखनऊ अरविन्द कुमार यादव के अलावा अधिशासी अभियंता शारदा सहायक खण्ड-6 रायबरेली विनोद कुमार, अधिशासी अभियंता नलकूप निर्माण खण्ड लखनऊ मो आसिफ, अधिशासी अभियंता नलकूप खण्ड लखनऊ संदीप कठेरिया तथा अधिशासी अभियंता नलकूप खण्ड उन्नाव संत लाल प्रसाद मौजूद थे।विद्युत चोरी में लिप्त पाये गये तीन विद्युत उपभोक्ताओं के विरूद्ध एफआईआर दर्जप्रबन्ध निदेशक, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि, ने विद्युत नगरीय वितरण खण्ड-वृन्दावन के अन्तर्गत 33/11 केवी सेक्टर-9वी, विद्युत उपकेन्द्र का का रात्रि निरीक्षण कर सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि क्षेत्र में जीरो ट्रिपिंग रखनी है तथा सभी परिवर्तकों को भी अन्डरलोड रखना है। अवगत कराना है कि निरीक्षण के समय क्षेत्र में कोई भी ट्रिपिंग विगत 24 घन्टे से नहीं हुई थी एवं खण्ड के सभी परिवर्तक अन्डर लोड पाये गये।मुख्य अभियन्ता, (वितरण) सिस-गोमती, लेसा ने विनविख-रेजीडेन्सी, के विद्युत उपकेन्द्र का रात्रि निरीक्षण किया। निरीक्षण में उपकेन्द्र के समस्त फीडरों एवं परिवर्तकों के लोड सामान्य पाये गये। अधिशासी अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण खण्ड-मुन्शीपुलिया के नेतृत्व में आज सेक्टर के इस्माईल गंज क्षेत्र में गॉर्निंग रेड की गयी। रेड में तीन विद्युत उपभोक्ता विद्युत चोरी में लिप्त पाये गये। जिनके विरूद्ध धारा-130 (1) के अन्तर्गत एफ0आई0आर0 दर्ज करायी गयी। अधिशासी अभियन्ता, रहीमनगर के नेतृत्व में जानकीपुरम विस्तार के सेक्टर-6 तथा विकास नगर, इंजीनियरिंग कॉलेज उपकेन्द्र का जीरो आउटेज मैनेजमेंट कर परिवर्तकों के लोड की मॉनिटरिंग की गयी। अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड, सेस-तृतीय ने 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र समेसी का रात्रि निरीक्षण किया। उपकेन्द्र के सभी फीडरों पर लोड सामान्य थे।राज्य संग्रहालय द्वारा अस्त्र - शस्त्रों की प्रदर्शनी का किया गया आयोजनआजादी के अमृत महोत्सव एवं चौरी - चौरा शताब्दी समारोह के अंतर्गत कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राज्य संग्रहालय, लखनऊ द्वारा संग्रहालय में संकलित अस्त्र - शस्त्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन महानिदेशक, उत्तर प्रदेश होमगार्ड विजय कुमार द्वारा किया गया।प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह का आरंभ कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ हुआ। प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि विजय कुमार एवं संग्रहालय के निदेशक डॉ आनंद कुमार सिंह सहित उपस्थित अधिकारियों / कर्मचारियों एवं गणमान्य जन ने अमर शहीदों के योगदान को याद करते हुए कारगिल युद्ध के परमवीर चक्र विजेताओं के चित्रों पर श्रद्धा - सुमन अर्पित किए ।प्रदर्शनी में ताम्र - पाषाणिक हथियारों से लेकर आधुनिक आग्नेयास्त्रों तक का प्रदर्शन रोचक ढंग से किया गया है। प्रदर्शित प्रमुख सामग्रियों में धनुष - बाण, शमशीरें, पत्ता, जुल्फिकार, खड्ग एवं खण्डा आदि तलवारों के साथ विविध प्रकार की कटारों,खुखरी, जमधर तथा आधुनिक आग्नेयास्त्रों यथा एकनाली व दोनाली बंदूक तथा तमंचा आदि का प्रदर्शन किया गया है ।प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि महानिदेशक, उत्तर प्रदेश होमगार्ड विजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय सेनाओं ने अपने पराक्रम से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाली पाकिस्तानी सेना को खदेड़ कर 26 जुलाई 1999 को पूर्ण विजय प्राप्त की थी। तभी से कारगिल के वीरों का सम्मान प्रदान करने हेतु प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को कारगिल दिवस के रुप में मनाया जाता है। उक्त अवसर पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए संग्रहालय के निदेशक डा.आनंद कुमार सिंह ने कहा कि आज की प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम जनमानस को शौर्य व वीरता की भारतीय परंपरा से परिचित कराना है। इस प्रदर्शनी में इतिहास के विविध काल खंडों में प्रयुक्त अस्त्र - शस्त्रों को प्रदर्शित किया गया है।
इस अवसर पर राज्य संग्रहालय, उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय तथा लोककला संग्रहालय की अधिकारी अलशाज फातमी, डॉ मीनाक्षी खेमका, डॉ विनय कुमार सिंह सहित अन्य कर्मचारीगण एवं गणमान्य उपस्थित रहे।