By विंध्यवासिनी सिंह | Aug 08, 2022
मोबाइल फोन के आविष्कार ने लोगों के जीवन को आसान बना दिया है, इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन यह भी उतना ही सच है कि लोग फोन का गलत इस्तेमाल कर दूसरे लोगों को परेशान भी करने लगते हैं।
लोगों की इन्ही समस्याओं को ध्यान में रखते हुए ट्रूकॉलर एप का निर्माण हुआ और लोग इसके माध्यम से अनजान नंबर से कॉल करने वालों का नाम पता कर लेते थे।
बड़ी ही आसानी से आपको जो भी फोन करता था उसका नाम ट्रूकॉलर के माध्यम से आपको मिल जाया करता था, हालांकि ट्रूकॉलर से आपको आईडिया बेशक लग जाए, किंतु इसमें भी वही डिटेल आती थी जो कस्टमर ने कहीं ना कहीं दी हुई हो।
इसमें कई बार गलत डिटेल भी आती थी, लेकिन अब जो है आपको इस समस्या से निजात मिल सकती है। जी हां! ट्राई यानी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया मैं अब एक ऐसी टेक्नोलॉजी इंट्रोड्यूस करने की जरूरत महसूस की है, जिसमें सेट मैकेनिज्म से उस व्यक्ति का ही फोन में नाम आएगा जो सिम लेते समय केवाईसी में दर्ज है।
ऐसी स्थिति में आप यह समझ पाएंगे कि सामने वाला बंदा ऑथेंटिक है या किसी फेक नाम से कॉल कर रहा है। यह काफी हद तक ट्रूकॉलर की तरह ही काम करेगा देखा।
जाए तो फेक कॉल से यूजर जबरदस्त ढंग से परेशान है और ऐसे में अगर यह टेक्नोलोजी इंट्रोड्यूस होती है और मैंडेटरी रूप से आपको कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम आपके मोबाइल नंबर पर डिस्प्ले होता है, और आप इस बात से सिक्योर होते हैं कि वास्तव में सिम लेने वाले व्यक्ति का नाम ही आपके मोबाइल में डिस्प्ले हो रहा है तो बहुत कुछ इससे आपके लिए आसान हो जाएगा। स्पैम, फ्रॉड कॉल्स के बढ़ते मामलों में निश्चित रूप से इस पर एक नियंत्रण लगेगा।
आजकल फ्रॉड कॉल्स के अलावा प्रैंक कॉल्स भी खूब चल रही हैं और इससे आप कई बार परेशान हो जाते हैं। आपके कोई जान पहचान वाला व्यक्ति कोई दूसरा नाम धरके आपको फोन करता है तो इस नयी टेक्नोलोजी से आप प्रैंक पकड़ लेंगे।
हालांकि निश्चित रूप से ट्राई का यह कदम प्रैंक कॉल पकड़ने के लिए नहीं है, लेकिन जो व्यक्ति आपको धोखा देना चाहते हैं किसी बैंकिंग संस्थान के नाम पर आपको फोन करते हैं और आप को उलझा कर आपका ओटीपी हासिल करने की कोशिश करते हैं उन व्यक्तियों को आप आसानी से पहचान सकेंगे।
कोई आपका करीबी रिश्तेदार बनकर ही फोन कर देता है तो आप उसके नाम को देखकर समझ जाएंगे कि वास्तव में वह व्यक्ति है। तो अब देखना दिलचस्प होगा कि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस फीचर को कब तक मार्केट में लांच कर पाती है और यह कितना सफल हो पाता है।
- विंध्यवासिनी सिंह