Railway Privatisation? 400 स्टेशनों, 90 यात्री रेलगाड़ियों और कोंकण रेल का होगा मौद्रिकरण, इससे 1.52 लाख करोड़ मिलेंगे

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 24, 2021

नयी दिल्ली। सरकार ने मौद्रिकरण के लिए कुल 400 रेलवे स्टेशनों, 90 यात्री रेलगाड़ियों, रेलवे के कई खेल स्टेडियम और कॉलोनियों के साथ ही प्रसिद्ध कोंकण और पहाड़ी रेलवे की पहचान की है। सड़क के बाद रेलवे दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है, जिसे महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना में शामिल किया गया है। वित्त वर्ष 2025 तक चार वर्षों में रेलवे की ब्राउनफील्ड अवसंरचना संपत्तियों का मौद्रिकरण कर 1.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक हासिल किए गाएंगे।ब्राउनफील्ड संपत्तियों से आशय ऐसी अवसंरचनाओं से है, जो फिलहाल उपयोग में नहीं हैं और उन्हें विकसित किया जाना है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को जारी की गई छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) में रेलवे की संपत्ति का 26 प्रतिशत योगदान होगा। वित्त वर्ष 2022-25 के दौरान मौद्रिकरण के लिए चिन्हित की गई प्रमुख रेल संपत्तियों में 400 रेलवे स्टेशन, 90 यात्री रेलगाड़ियां, 1400 किलोमीटर लंबी रेल की पटरी, कोंकण रेलवे का 741 किलोमीटर लंबा हिस्सा, 15 रेलवे स्टेडियम और चयनित रेलवे कॉलोनियां और चार पहाड़ी रेल शामिल हैं। सीतारमण ने छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा की, जिसके तहत रेलवे, बिजली से लेकर सड़क जैसे अलग अलग बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में संपत्तियों का मौद्रिकरण किया जाएगा।

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चार साल की अवधि में रेलवे स्टेशनों और यात्री रेलों के परिचालन को निजी हाथों में देने से क्रमश: 76,250 करोड़ रुपये और 21,642 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी।माल परिवहन के लिये समर्पित गलियारे के माद्रिकरण से 20,178 करोड़ रुपये, वहीं पटरी, सिगनल और पटरियों के ऊपर लगने वाले उपकरणों संबंधी इनविट से 18,700 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है। कोंकण रेलवे से 7,281 करोड़ और पहाड़ों पर चलने वाली रेलवे के मौद्रीकरण से 630 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।

केंद्रीय बजट 2021-22 में बुनियादी ढांचे के टिकाऊ वित्तपोषण को एक प्रमुख साधन के रूप में परिचालनगत सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की संपत्तियों के मौद्रिकरण की पहचान की गयी थी। इस दिशा में बजट में एक राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना तैयार करने का भी प्रावधान किया गया। ढांचागत क्षेत्र के मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श कर नीति आयोग ने एनएमपी पर रिपोर्ट तैयार की थी।

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