By अभिनय आकाश | Aug 22, 2024
भारतीय कूटनीति में एक ऐसा अध्याय जुड़ने वाला है जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में शुरू हो गई है। 23 अगस्त को पोलैंड से ही ट्रेन के जरिए पीएम मोदी यूक्रेन जाएंगे। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा है। खासकर रूस- यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में इस यात्रा की अहमियत बहुत बढ़ जाती है। मॉस्को के बाद एक महीने के अंदर हो रही प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा इस तथ्य को रेखांकित करती है कि भारत रूस और यूक्रेन, दोनों के साथ रिश्तों को लेकर गंभीर है और युद्ध का असर अपने किसी रिश्ते पर नहीं पड़ने देना चाहता। ये भारत का कूटनीतिक जोखिम है या मास्टरस्ट्रोक इसकी बानगी पूरी दुनिया को कुछ दिनों में मालूम हो जाएगी।
पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा से पहले रूस के राष्ट्रपति ने हैरान करने वाला कदम उठा लिया है। मोदी के कीव पहुंचने से पहले पुतिन ने 13 साल में पहली बार वो काम कर दिया है जिसने दुनिया को हिला कर रख दिया है। पीएम मोदी यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदमीर जेलेंस्की से मिलते उससे पहले ही रूसी राष्ट्रपति ने अपने सबसे वफादार दोस्त के पास पहुंच गए। पुतिन चेचन्या के नेता रमजान कादिरोव के पास पहुंचे हैं। पुतिन ने चेचन्या की यात्रा ऐसे वक्त में की है जब यूक्रेन मास्को तक में घुसकर हमले कर रहा है। रूस की जमीन पर कब्जा कर रहा है।
यूक्रेना का इलाज करने के लिए पुतिन चेचन्या में रमजान कादिरोव से मिलने पहुंचे। आपको बता दें कि रमजान कादिरोव रशियन रिपब्लिक ऑफ चेचन्या के प्रमुख और कमांडर भी हैं। सोवियत संघ के टूटने के बाद चेचन्या अलग हो गया था। बाद में रूस ने चेचन्या पर कब्जा कर लिया था। पुतिन ने 2007 में रमजान कादिरोव को चेचन्या का प्रमुख बना दिया था। रमजान कादिरोव वही नेता हैं जिन्होंने कहा था कि हमें यूक्रेन के खिलाफ कम परमामु क्षमता वाले हथियारों का इस्तेमाल करना चाहिए।