By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 31, 2021
लंदन। ब्रिटेन में भारत की उच्चायुक्त गायत्री इस्सर कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत-ब्रिटेन के द्विपक्षीय संबंध सकारात्मक पथ पर और संभावित रूप से एक नए युग की दहलीज पर हैं। मोदी सोमवार और मंगलवार को ग्लासगो में आयोजित संयुक्त राष्ट्र कॉप-26 जलवायु सम्मेलन के विश्व नेताओं के शिखर सम्मेलन (डब्ल्यूएलएस) में भाग लेने के साथ ही सम्मेलन से इतर अपने ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। ब्रिटेन में भारत की दूत ने उल्लेख किया कि दोनों देशों की द्विपक्षीय भागीदारी की तैयारी में वाणिज्यिक संबंधों से लेकर समुद्री सुरक्षा और अंतरिक्ष के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई है।
कुमार ने मोदी की ब्रिटेन यात्रा की पूर्व संध्या पर एक साक्षात्कार में पीटीआई-से कहा, ‘‘भारत-ब्रिटेन साझेदारी बहुत ही सकारात्मक पथ पर, संभावित रूप से एक नए युग की दहलीज पर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह व्यापक, रणनीतिक साझेदारी है, जो विभिन्न क्षेत्रों की एक सतत-विस्तारित सीमा को कवर करती है। यह एक कुशल संस्थागत ढांचे के आधार पर है, जैसा कि होना चाहिए।’’ उच्चायुक्त ने पुष्टि की कि मई में प्रधानमंत्री मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष जॉनसन के बीच 2030 रोडमैप पर सहमति बनी थी। दोनों देशों के बीच 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ यह पटरी पर बना हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों सरकारें निर्धारित समय सीमा के भीतर ‘रोडमैप’ के क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस लिहाज से हम मार्च 2022 में एक अंतरिम समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए नवंबर 2021 में बातचीत शुरू करना चाहते हैं और यदि सब कुछ निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होता है तो नवंबर 2022 तक एक व्यापक समझौता होगा।’’ वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन की तीन दिवसीय यात्रा भारत-ब्रिटेन संबंधों के 75 वर्ष पूरा होने के मौके पर अतिरिक्त महत्व रखती है।