By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 17, 2019
कोरबा/भाटपारा (छत्तीसगढ़)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘चौकीदार चोर है’ और ‘सभी चोरों के नाम मोदी हैं’ वाले बयानों को लेकर मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर बरसे और कहा कि ‘परिवार’ और ‘वंशवाद’ की राजनीति का विरोध करने वालों को गालियां सुननी ही पड़ती हैं। छत्तीसगढ़ में मोदी ने कांग्रेस को घेरने के बहाने साहू समुदाय के मतदाताओं को साधने की कोशिश की है जिनकी राज्य में लगभग 14 फीसदी आबादी है। प्रधानमंत्री मोदी आज छत्तीसगढ़ के दौरे पर रहे। उन्होंने कोरबा तथा रायपुर लोकसभा क्षेत्रों में चुनावी सभाओं को संबोधित किया और विपक्षी दल कांग्रेस को आड़े हाथ लिया। उन्होंने इस दौरान ‘चौकीदार चोर है’ कहने वाली कांग्रेस को घेरते हुए साहू समुदाय के मतदाताओं को साधने की कोशिश की। मोदी ने सभाओं में कहा कि कांग्रेस रोज अपनी हदें पार कर रही है। जिसके नाम के साथ में मोदी लगा है उसे वह चोर कह रहे हैं। यह कैसी राजनीति का स्तर है। इन्होंने पूरे एक समाज को चोर बोल दिया है, वह भी सिर्फ तालियां बजवाने के लिए। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि वह हैरान हैं, जो यहां साहू समाज है, अगर यह गुजरात में होते तो उनको मोदी कहते। राजस्थान में रहते तब उन्हें राठौर कहते। क्या सारे मोदी चोर हैं? यह क्या भाषा बोल रहे हैं? उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह आपके इस चौकीदार को नीचा दिखाने की मानसिकता है। यह सल्तनत वाली मानसिकता है जिसमें हर शोषित वंचित समाज को हीन नजर से देखा जाता है तथा उसे अपना गुलाम समझा जाता है। आज ‘नामदार’ ने मोदी को गाली दी है कल वह आदिवासियों को गाली दे सकते हैं, परसों किसी और को। वह हमारे आदिवासी पहनावे का मजाक उड़ाते हैं। जो इनके परिवार को, वंशवाद को चुनौती देता है उसे वह इसी तरह गाली देते हैं।
छत्तीसगढ़ की पौने तीन करोड़ आबादी में साहू या तेली समाज की आबादी लगभग 14 फीसदी है। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाला यह समुदाय राज्य के मैदानी क्षेत्रों की सीटों पर खासा दखल रखता है। राज्य में पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 14 साहू उम्मीदवारों को टिकट दिया था वहीं कांग्रेस ने आठ साहू उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था। इस विधानसभा में साहू समाज के कुल छह विधायक हैं। जिनमें से पांच कांग्रेस से तथा एक भाजपा से हैं। वहीं इस लोकसभा चुनाव में राज्य की 11 लोकसभा सीटों के लिए भाजपा और कांग्रेस ने साहू समाज से दो-दो उम्मीदवार खड़े किए हैं। राज्य की बिलासपुर लोकसभा सीट के लिए भाजपा की ओर से अरूण साव, राजनांदगांव में कांग्रेस की ओर से भोलाराम साहू और महासमुंद सीट पर कांग्रेस की ओर से धनेंद्र साहू तथा भाजपा की ओर से चुन्नीलाल साहू मैदान में हैं। साहू समाज में ज्यादातर किसान और व्यवसायी हैं। इधर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा साहू समाज को साधने की कोशिश के बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सक्रियता दिखाई और तत्काल उन्होंने ट्वीट कर कहा कि गुजरात में चायवाला यूपी में जाकर गंगा मां का बेटा छत्तीसगढ़ में आते ही साहू और अंबानी के यहां जाते ही चौकीदार।
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उन्होंने कहा, ‘‘साथियों, बहुरुपिए से सावधान रहें! क्योंकि जैसे ही सावधानी हटी, वैसे ही पंचवर्षीय दुर्घटना घटी!! जानकारी और जागरूकता ही बचाव है। जय जोहार, जय कर्मा माता! कर्मा माता तेली साहू समाज की आराध्य देवी हैं। बघेल यही नहीं रूके। इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया, 2002 के गुजरात दंगों से लेकर, पिछले 5 वर्षों में देश में फैली असहिष्णुता की भावना से स्पष्ट है कि मोदी जी इस देश को जाति-धर्म और संप्रदाय के नाम पर बांटना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत बहुत समृद्ध है। इसे जो भी तोड़ने का प्रयास करेगा, उसे हर छत्तीसगढ़वासी मुंहतोड़ जवाब देगा। राज्य में राजनीतिक मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर कहते हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव में साहू समाज भाजपा से दूर हो गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस तरह का बयान देकर साहू समाज को साधने की कोशिश जरूर की है। अब यह अलग बात है कि इससे समाज कितना प्रभावित होता है। छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों के लिए तीन चरणों में मतदान होना है। पहले चरण में 11 अप्रैल को बस्तर लोकसभा सीट के लिए मतदान संपन्न हुआ है। वहीं दूसरे चरण में 18 अप्रैल को कांकेर, राजनांदगांव और महासमुंद लोकसभा सीट के लिए तथा तीसरे चरण में 23 अप्रैल को रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर चांपा, दुर्ग और सरगुजा लोकसभा सीट के लिए मतदान होगा।