By अंकित सिंह | Sep 05, 2022
शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों के साथ संवाद किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आज भारत के पूर्व राष्ट्रपति और शिक्षाविद डॉ. राधाकृष्णन जी को उनके जन्म दिवस पर आदरांजली दे रहा है। ये हमारा सौभाग्य है कि हमारे वर्तमान राष्ट्रपति भी शिक्षक हैं। उनका जीवन का प्रारंभिक काल शिक्षक के रूप में बीता। उन्होंने कहा कि आज जब देश आजादी के अमृतकाल के अपने विराट सपनों को साकार करने में जुट चुका है, तब शिक्षा के क्षेत्र में राधाकृष्णन जी के प्रयास हम सभी को प्रेरित करते हैं। इस अवसर पर मैं राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त सभी शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
इसके साथ ही मोदी ने कहा कि देश भी आज नए सपने, नए संकल्प लेकर एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है कि आज जो पीढ़ी है, जो विद्यार्थी अवस्था में हैं, 2047 में हिंदुस्तान कैसा बनेगा ये उन्हीं पर निर्भर होने वाला है। उनका जीवन आप शिक्षकों के हाथ में है। उन्होंने कहा कि 2047 में देश गढ़ने का काम आज जो वर्तमान में शिक्षक हैं, आने वाले 10-20 साल तक जो सेवाएं देने वाले हैं, उनके हाथ में है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने में हमारे टीचर्स का बहुत बड़ा रोल रहा है। लाखों की तादात में हमारे शिक्षकों ने इसे बनाने में अपना योगदान दिया है। मोदी ने कहा कि 250 वर्ष तक जो हम पर राज करके गए, उनको पीछे छोड़कर हम दुनिया की इकोनामी में आगे निकल गए हैं। दुनिया की इकोनामी में छठे स्थान से पांचवे स्थान में आने से ज्यादा आनंद उन्हें पीछे छोड़ने में आया है।
मोदी ने कहा कि युवा दिमाग को आकार देने के लिए हम शिक्षकों के आभारी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों से कहा कि हमें न केवल छात्रों को शिक्षित करना है बल्कि उनके जीवन को बदलना भी है। उन्होंने कहा कि अपने शैक्षणिक परितंत्र को मजबूत करने के लिए भारत सही दिशा में बढ़ रहा है। इससे पहले मोदी ने ट्वीट कर शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को बधाई दी थी और पूर्व राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी। उन्होंने लिखा कि शिक्षक दिवस के अवसर परविशेष रूप से उन सभी मेहनती शिक्षकों को बधाई, जिन्होंने युवा मन में शिक्षा की उमंग का संचार किया है। मैं हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर नमन करता हूं।