By अभिनय आकाश | Apr 02, 2025
2 अप्रैल वो तारीख है जब अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप का रेसिप्रोकल टैरिफ कई देशों की धड़कनें बढ़ा देगा। ट्रंप पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वो 2 अप्रैल से भारत पर भी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे। ट्रंप ने इस दिन को लिबरेशन डे के तौर पर मनाने की बात भी कही है। वहीं ट्रंप का ये भी कहना है कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर लगाए गए अपने टैरिफ को काफी हद तक कम करेगा। वाशिंगटन भारत सहित कई यूरोपीय देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है। ट्रंप आज शाम रोज गार्डन में 'मेक अमेरिका वेल्दी अगेन इवेंट में भाषण देंगे। इसी इवेंट में रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर घोषणा होगी।
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि अगर आप कारों पर यूरोपीय संघ को देखें तो यूरोपीय संघ ने पहले ही अपने टैरिफ को घटाकर ढाई प्रतिशत कर दिया है। मुझे लगता है कि मैंने कुछ समय पहले ही सुना की भारत अपने टैरिफ को काफी हद तक कम करने जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आगे कहा कि बहुत से देश अपने टैरिफ कम करेंगे क्योंकि वो अमेरिका पर अनुचित तरीके से टैरिफ लगा रहे हैं। ट्ंप का मानना है कि टैरिफ की मदद से अमेरिका का व्यापार घाटा कम किया जा सकता है। लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि टैरिफ की वजह से अमेरिका में महंगाई बढ़ सकती है।
वो इससे पहले ही अमेरिका में इंपोर्ट होने वाली कारों और ऑटो पार्ट्स पर 25 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं। इससे अमेरिका में विदेशी कारों की कीमतें महंगी हो सकती हैं। रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब जैसे को तैसा है। यानी जो देश जितना टैरिफ अमेरिकी इंपोर्ट पर लगाता है उतना ही टैरिफ उसके इंपोर्ट पर भी लगेगा। इस रेसिप्रोकल टैरिफ से वो देश प्रभावित होंगे जो अमेरिकी उत्पादों पर अधिक टैरिफ लगाते हैं। अमेरिका अब इन देशों से इंपोर्ट होने वाले सामान पर समान शुल्क लगाएगा। नए टैरिफ से अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन पर बड़ा असर पड़ सकता है। वर्ल्ड ट्रेंड आर्गनाइजेशन की माने तो भारत में औसतन टैरिफ सबसे अधिक 17 फीसदी है।
भारत भी अमेरिका को टैरिफ में छूट देने का रास्ता भी अपना सकता है। भारत और अमेरिका व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भी काम कर रहे हैं। घरेलू उद्योग और निर्यातकों ने भारत के निर्यात पर अमेरिका के जवाबी टैरिफ के संभावित प्रभाव पर चिंता जताई है। भारत का प्लान ए, प्लान बी और प्लान सी इन बातों पर निर्भर करेगा कि अमेरिका किस तरह से जवाबी टैरिफ लगा रहा है और किन सेक्टर्स पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।