By अनन्या मिश्रा | Jun 26, 2023
डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के इस्तीफे के बाद धर्मेंद्र प्रधान देश के नए केंद्रीय शिक्षा मंत्री बनाए गए। बता दें कि धर्मेंद्र प्रधान के पास शिक्षा मंत्रालय के अलावा कौशल विकास और आंत्रप्रेन्योरशिप मंत्रालय है। आज यानी की 26 जून को धर्मेंद्र प्रधान अपना 54वां बर्थडे मना रहे हैं। आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर धर्मेंद्र प्रधान के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
ओडिशा के तालचर शहर में एक राजनीतिक परिवार 26 जून 1969 को धर्मेंद्र प्रधान का जन्म हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 1999 से 2004 तक धर्मेंद्र प्रधान के पिता देबेंद्र प्रधान केंद्रीय मंत्री थे। वहीं धर्मेंद्र प्रधान ने तालचर शहर से हायर सेकंडरी की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने उत्कल यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर से एंथ्रोपोलॉजी में एमए की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के सदस्य बनें। यहां पर वह छात्र संघ के अध्यक्ष भी चुने गए। धर्मेंद्र प्रधान ने साल 1998 में बीजेपी ज्वाइन कर ली।
राजनीतिक सफर
साल 2000 में धर्मेंद्र प्रधान ने राजनीति की मुख्यधारा में कदम रखा। उन्होंने पल्ललहारा विधानसभा क्षेत्र से ओडिशा विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की। बता दें कि ओडिशा विधानसभा के सर्वश्रेष्ठ विधायक सम्मान उत्कलमणि गोपाबंधु प्रतिभा सम्मान से सम्मानित किया गया है। साल 2001 में धर्मेंद्र प्रधान को ओडिशा के बीजेपी यूथ विंग का प्रेसिडेंट बनाया गया। साल 2002 में वह बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव बनें। साल 2004 में ओडिशा के देवगढ़ लोकसभा क्षेत्र से 14वीं लोकसभा का चुनाव लड़ा। इस चुनाव मे भी उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद साल 2012 में बिहार और साल 2018 में एमपी से राज्यसभा के लिए चुने गए।
ऐसे तय किया केंद्रीय मंत्री तक सफर
साल 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार जब सत्ता में आई तो धर्मेंद्र ने पेट्रेलियम एंड नैचुरल गैस का केंद्रीय राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला। इसके बाद साल 2019 में मोदी सरकार जब दूसरी बार केंद्र में आई तो धर्मेंद्र प्रधान को पेट्रोलियम एवं नैचुरल गैस मंत्री का कार्यभार सौंपा गया। धर्मेंद प्रधान स्टील मंत्री बनें। बता दें कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक धर्मेंद्र प्रधान पेट्रोलियम और नैचुरल गैस मंत्री रहे। साल 2017 से 2019 के बीच धर्मेंद्र प्रधान ने स्किल डेवलवमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप मिनिस्टर का कार्यभार संभाला।
पीएम नरेंद्र मोदी की उज्जवला योजना को सफल बनाने में धर्मेंद्र प्रधान का अहम रोल माना जाता है। जिस कारण उन्हें 'उज्जवला मैन' के नाम से भी जाना जाता है। उज्जवला योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले 8 लाख से ज्यादा परिवारों को एलपीजी कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई थी। धर्मेंद्र प्रधान युवाओं के मुद्दों को लेकर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के समय से सक्रिय रहे। उन्होंने कौशल विकास जैसे मुद्दों का समर्थन किया। धर्मेंद्र प्रधान के कार्यकाल में आईटीआई की संख्या 40 फीसदी तक बढ़ी।