मोदी एवं बाइडन की पहली द्विपक्षीय बैठक : हिंद-प्रशांत, जलवायु परिवर्तन, कोविड पर चर्चा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 25, 2021

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक के तहत शुक्रवार को व्हाइट हाउस में जो बाइडन से मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं ने कोविड-19 एवं जलवायु परिवर्तन, व्यापार और हिंद-प्रशांत सहित प्राथमिकता वाले कई मुद्दों पर चर्चा की।

बाइडन ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत एवं अमेरिका के बीच संबंधों की नियति ही ‘‘शक्तिशाली, मजबूत (बनना) और करीब आना’’ है। राष्ट्रपति बाइडन ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि वे आज अमेरिका-भारत के संबंधों का एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं।

 

इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात की

 

बाइडन ने भारत एवं अमेरिका के मीडिया कर्मियों के समक्ष कहा कि उनका काफी समय से यह मानना रहा है कि अमेरिका एवं भारत के संबंध वैश्विक चुनौतियों का समाधान निकालने में सहायता कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समझ जो सबसे कठिनतम चुनौतियां हैं उनका सामना करते हुए (हम) भारत एवं अमेरिका के संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करने जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि यह कोविड-19 को समाप्त करने के हमारी साझा प्रतिबद्धता के साथ हो रहा है। मोदी, 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से सातवीं बार अमेरिका की यात्रा कर रहे हैं। बाइडन के साथ शुक्रवार को हुई बैठक को ‘‘महत्वपूर्ण’’ करार देते हुए मोदी ने कहा कि वे इस शताब्दी के तीसरे दशक में मिल रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडन से कहा, ‘‘यह दशक कैसा स्वरूप लेता है, इसमें निश्चित तौर पर आपका नेतृत्व महत्पूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत और अमेरिका के बीच और मजबूत मित्रता के लिए बीज बो दिये गये हैं।’’ मोदी ने बैठक के बाद ट्वीट कर जो बाइडन के साथ हुई इस बैठक को ‘‘असाधारण’’ करार दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बात पर चर्चा की कैसे भारत एवं अमेरिका विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा सकते हैं और कोविड-19 एवं जलवायु परिवर्तन जैसी प्रमुख चनौतियों से पार पाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।’’ बाइडन ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्र भारत एवं अमेरिका के संबंधों की नियति ही ‘‘शक्तिशाल, मजबूत (बनना) एवं करीब आना’’ है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, ‘‘मैं काफी समय से यह मानता रहा हूं कि अमेरिका-भारत संबंध कई वैश्विक चुनौतियों का हल करने में हमारी सहायता कर सकते हैं। मैंने 2006 में भी यह कहा था कि भारत एवं अमेरिका विश्व के सबसे करीबी संबंधों वाले राष्ट्र होंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज हम अमेरिका-भारत संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ रहे हैं, साझा प्रतिबद्धताओं के साथ शुरुआत करते हुए हमारे समक्ष पेश कठिनतम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।’’ बाइडन ने कहा कि वह और प्रधानमंत्री मोदी विश्व के समक्ष कोविड-19 महामारी एवं जलवायु परिर्वतन की समस्याओं से निबटने की दिशा में क्या प्रयास कर सकते हैं, इस पर चर्चा करेंगे। साथ ही वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चत करने के लिए अपने शांत भागीदारों के साथ विचार मंथन करेंगे।

भारत, अमेरिका एवं विश्व की कई अन्य शक्तियां हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला रखना सुनिश्चित करने के लिए बातचीत कर रही हैं। यह चर्चा चीन द्वारा इस क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ाये जाने की पृष्ठभुमि में हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से हमारी भागीदारी उससे कहीं आगे हैं जितना महज हम कर पा रहे हैं। यह लोकतांत्रिक मूल्यों को स्थापित रखने की हमारी उन साझा प्रतिबद्धताओं, विविधता के प्रति हमारी वचनबद्धता, तथा हमारे पारिवारिक संबंधों के बारे में है जिनमें चालीस लाख भारतीय अमेरिकी शामिल हैं, जो प्रति दिन अमेरिका को और मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत हैं। ’’

उन्होंने ध्यान दिलाया कि अगले सप्ताह विश्व महात्मा गांधी की जयंती मनाएगा। उन्होंने कहा कि विश्व को आज उनके अहिंसा, सम्मान और सहिष्णुता के संदेश की जितनी आवश्यता है, उतनी शायद पहले कभी नहीं थी। इस पर मोदी ने कहा, ‘‘गांधीजी ट्रस्टीशिप की बात करते थे, जो हमारे ग्रह के लिए आने वाले समय में एक बहुत महत्वपूर्ण अवधारणा है।’’

मोदी ने कहा कि भारत अमेरिका के संबंधों में व्यापार एक महत्वपूर्ण पक्ष है और इस क्षेत्र में बहुत कुछ किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात से प्रसन्न हूं कि भारतवंशी अमेरिका की प्रगति में सक्रिय योगदान कर रहे हैं।‘’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी आगे ले जाने वाली शक्ति बन चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें व्यापक वैश्विक लक्ष्यों के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के मकसद से अपनी प्रतिभाओं का उपयोग करना होगा।’’ मोदी ने 2014 एवं 2016 में बाइडन के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए कहा, ‘‘उस समय आपने भारत एवं अमेरिका के बारे में अपना दृष्टिकोण साझा किया था। मुझे प्रसन्नता है कि आप उस दृष्टकोण को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं।’’

इससे पहले, दोनों नेताओं की मुलाकात उस वक्त हुई थी, जब बाइडन अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे। लेकिन, यह पहला मौका है जब बाइडन जनवरी में अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति बनने के बाद मोदी से मिल रहे हैं। दोनों नेताओं, बाइडन और मोदी ने कई बार फोन पर बातचीत की है तथा कुछ ऑनलाइन बैठकों में भी शरीक हुए हैं। इनमें मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति की मेजबानी में आयोजित ‘क्वाड’ की बैठक भी शामिल है। उनके बीच 26 अप्रैल को अंतिम बार टेलीफोन पर बातचीत हुई थी।

राष्ट्रपति बाइडन ने बैठक से ठीक पहले ट्वीट किया, ‘‘आज सुबह मैं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की, व्हाइट हाउस में एक द्विपक्षीय बैठक के लिए मेजबानी कर रहा हूं। मैं दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों को प्रगाढ़ करने, एक स्वतंत्र एवं खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र कायम रखने और कोविड-19 से लेकर जलवायु परिवर्तन तक, हर चीज से निपटने के लिए काम करने को लेकर उत्साहित हूं। ’’

उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा भारत-अमेरिका व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और परस्पर हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर राष्ट्रपति बाइडन के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक अवसर प्रदान करेगी।

 

इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष से मुलाकात की

 

भारत-अमेरिका द्विपक्षीय शिखर बैठक की पूर्व संध्या पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि मुद्दों में सहयोग के नये क्षेत्रों पर चर्चा भी शामिल है।

प्रमुख खबरें

तुगलकाबाद विधानसभा सीट से लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं Ramesh Bidhuri, संसद में अमर्यादित भाषा के चलते हुई थी आलोचना

लगातार 11 बार विधायक, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, पूर्व दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष, जानिए Chaudhary Prem Singh को

मुकेश खन्ना को रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाने वाले रणबीर कपूर पसंद नहीं, बोले- ‘उनका नकारात्मक व्यक्तित्व है...’

OnePlus 13R अगले महीने होगा लॉन्च, जानें बैटरी और कैमरा फीचर्स