मोदी साक्षात्कार: भाजपा ने दूरदर्शी नेतृत्व की प्रशंसा की, विपक्ष ने महंगाई, बेरोजगारी पर सवाल उठाए

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 03, 2023

जी20 शिखर सम्मेलन से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कही गई बातों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्ष के बीच रविवार को तीखी नोकझोंक हुई। सत्तारूढ़ दल भाजपा के नेताओं ने देश के लिए मोदी के दृष्टिकोण की सराहना की जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के दलों ने ‘‘बढ़ती’’ महंगाई और बेरोजगारी पर सवाल उठाए। साक्षात्कार में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि ‘सबका साथ- सबका विकास’ मॉडल विश्व के कल्याण के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकता है। उन्होंने साथ ही कहा कि दुनिया का जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) -केंद्रित दृष्टिकोण, अब मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में बदल रहा है। मोदी ने अपने लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर पिछले सप्ताह आयोजित एक विशेष साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जीडीपी का आकार चाहे जो भी हो, हर आवाज मायने रखती है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘देश में एक स्थिर सरकार है, अनुकूल नीतियां हैं और सरकार की कुल दिशा को लेकर स्पष्टता है। इस स्थिरता की ही वजह से पिछले नौ साल में कई सुधार लागू किए जा सके हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि 2047 तक हमारा देश विकसित देशों में शुमार होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता का हमारे राष्ट्रीय जीवन में कोई स्थान नहीं होगा।’’ मोदी की टिप्पणी पर सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आईं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने मोदी के देश के लिए दृष्टिकोण की सराहना की और कहा कि उन्होंने 2047 तक भारत के एक विकसित राष्ट्र बनने की राह तैयार कर दी है।

भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 40-50 वर्ष में देश की प्रगति का दृष्टिकोण रखते हुए यह प्रदर्शित किया है कि उनकी सरकार का रिपोर्ट कार्ड ठोस है, जिससे विपक्षी दलों की बेचैनी बढ़ने वाली है और रातों की नींद उड़ जाएगी। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी प्रतिभाओं का उपयोग इस तरह से करना सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि इसका लाभ देश के 140 करोड़ लोगों को मिले। प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने साक्षात्कार में देश के उत्थान के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया और एक ऐसे भारत के लिए अपनी योजना प्रस्तुत की, जिसकी आकांक्षाएं ऊंची हैं। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अब किसी के मन में इसे लेकर कोई संदेह नहीं है कि मोदी का नेतृत्व और देश की जी20 की अध्यक्षता वैश्विक विकास और भारत के उत्थान में मील का पत्थर है।

उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी ने अपना यह दृष्टिकोण सामने रखा है कि भारत 2047 तक एक विकसित देश बन सकता है। चंद्रशेखर ने कहा कि यह पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार से विरासत में मिली बिखरी अर्थव्यवस्था, तबाह वित्तीय क्षेत्र, भ्रष्टाचार, उच्च मुद्रास्फीति और कम वृद्धि के बिल्कुल विपरीत है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने प्रधानमंत्री के साक्षात्कार की सराहना करते हुए कहा, ‘‘मोदी जी ने साबित कर दिया कि वह एक हरफनमौला बल्लेबाज हैं, जो चौके और छक्के लगा रहे हैं और ऐसा करना जारी रखे हुए हैं, जबकि विपक्ष शून्य पर आउट हो रहा है।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह साक्षात्कार, जो कहा वो किया, और अभी और करना है का जीता जागता उदाहरण है।

इस बारे में टिप्पणी के लिए कहे जाने पर शेरगिल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का आज ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार उस विपक्ष की बेचैनी बढ़ाने वाला और उसकी नींद उड़ाने वाला है जो 2024 में सरकार बनाने का दिवास्वप्न देख रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी जी देश के लिए अगले 40-50 वर्षों का दृष्टिकोण रखा है। विपक्ष उनके साक्षात्कार को पचा नहीं पाएगा क्योंकि वे न तो मोदी जी के एजेंडे और न ही उनके काम का मुकाबला कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि मोदी के साक्षात्कार से पता चलता है कि पिछले नौ वर्षों में विकास की एक नयी गाथा लिखी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘पहले लोग जी20 के बारे में सिर्फ अखबारों में पढ़ते थे। प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता और जनसेवा के प्रति उनके जुनून के कारण आज हर भारतीय खुद को जी20 शिखर सम्मेलन का हिस्सा महसूस कर रहा है।’’

भाजपा नेता अनिल एंटनी ने कहा कि 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत में अभूतपूर्व विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में भारत पांच हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम 2047 तक एक विकसित देश होंगे।’’ भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी अगले 25-50 वर्षों के दृष्टिकोण के साथ काम करते हैं। जब भारत 2047 में अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तो भारत एक विकसित और आत्मनिर्भर देश होगा।’’ हालांकि, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा और बेरोजगारी तथा आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर लगाम लगाने में सरकार के प्रदर्शन पर सवाल उठाया।

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि जब देश ‘‘कठिन समय’’ से गुजर रहा है तो सुदूर भविष्य की कल्पना करना थोड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अभी महाशक्ति के बारे में ‘‘बोलना जल्दबाजी होगा क्योंकि हमारे बहुत से लोग अब भी अत्यंत गरीब हैं।’’ थरूर का यह बयान ऐसे वक्त आया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि 2047 तक हमारा देश विकसित देशों में शुमार होगा। हमारे गरीब पूर्ण रूप से गरीबी के खिलाफ लड़ाई जीतेंगे। स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र के बदलाव दुनियाभर में सबसे अच्छे होंगे। भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता का हमारे राष्ट्रीय जीवन में कोई स्थान नहीं होगा।’’ प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण 2047 पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने कहा, ‘‘महाशक्ति होने के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी क्योंकि हमारे बहुत से लोग अब भी बेहद गरीब हैं।

हमें अभी पहले गरीबों, हाशिए पर रहने वाले लोगों की वास्तविक समस्याओं का समाधान करना होगा।’’ तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कोट्टायम में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘देश अब तेज महंगाई, कम रोजगार के मामले में कठिन समय से गुजर रहा है। वास्तव में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर है और अगर लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं तो वे अपनी सभी आवश्यक वस्तुओं के लिए उच्च कीमतें कैसे वहन कर सकते हैं। इन परिस्थितियों में अब से 25 साल बाद के सुदूर भविष्य की कल्पना करना थोड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हम आज के लोगों के लिए क्या कर सकते हैं। कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि आगामी जी20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर सड़कों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है लेकिन भारत का युवा रोजगार के बारे में सवाल कर रहा है।’’

उन्होंने कहा, लोग घोटालों और महंगाई पर जवाब चाहते हैं। आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के शासन में बेरोजगारी 42 वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई और ईंधन तथा दवाओं की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उनके (मोदी) तहत, अग्निवीर योजना (सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए) शुरू की गई और युवाओं को धोखा दिया गया। कहा गया था कि फसलों के दाम दोगुने कर दिए जाएंगे, क्या हुआ? वादा किया गया था कि काला धन वापस लाया जाएगा और हर खाते में 15 लाख रुपये आएंगे। पता नहीं उसका क्या हुआ। यह भी कहा गया था कि 15 अगस्त 2022 तक सभी को पक्का मकान दे दिया जाएगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ।’’ कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार में महंगाई और बेरोजगारी से आम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।

उन्होंने आरोप लगाया, महिलाओं, दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार हुए हैं। मोदी की इस टिप्पणी पर कि उनकी सरकार द्वारा राजनीतिक स्थिरता प्रदान की गई है, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) नेता टी के एस एलंगोवन ने कहा कि इस समय इस देश में कोई राजनीतिक स्थिरता और समभाव नहीं है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद एवं प्रवक्ता मनोज झा ने फर्जी खबरों के खतरे से निपटने के बारे में साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी को लेकर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘अगर फर्जी खबरों पर लगाम लगा दी गई तो भाजपा ताश के पत्तों की तरह ढह जाएगी।’’ कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष विकार रसूल ने दावा किया कि भाजपा के तहत देश में कोई सकारात्मक बदलाव नहीं हुआ है और केवल महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है।

केरल में कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर देश पर शासन करने में बुरी तरह विफल रहने का आरोप लगाया और सवाल किया कि प्रधानमंत्री मोदी यह दावा कैसे कर सकते हैं कि भारत 2047 तक एक महाशक्ति और एक विकसित देश होगा, जबकि वह गरीबों के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियां और संसद द्वारा पारित कानून कॉपरोरेट कंपनियों के पक्ष में हैं और श्रमिकों के खिलाफ हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने साक्षात्कार में कहा कि देशभर में जी-20 कार्यक्रमों की मेजबानी करने का उनकी सरकार का निर्णय लोगों, शहरों और संस्थानों के बीच क्षमता निर्माण में एक निवेश है। उन्होंने पिछली सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें राजधानी के बाहर छोटे स्थानों पर बड़े कार्यक्रम आयोजित करने की लोगों की क्षमताओं पर भरोसा नहीं था। मोदी ने कहा कि उन्हें हमेशा से लोगों पर बहुत भरोसा रहा है।

इसके मद्देनजर मोदी ने अपनी संगठनात्मक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन के उस चरण के दौरान हासिल अनुभवों से बहुत कुछ सीखा है जो उनके काम आ रहा है। प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह के अंत में पीटीआई- को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, मुझे अपने लोगों की क्षमताओं पर बहुत भरोसा रहा है। मैं एक संगठनात्मक पृष्ठभूमि से आता हूं और जीवन के उस चरण के दौरान कई अनुभव हुए हैं, जिनसे मैंने बहुत कुछ सीखा है। मुझे उन चीजों को प्रत्यक्ष रूप से देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ कि मंच और अवसर मिलने पर आम नागरिक भी कुछ कर गुजरने की ताकत रखता है। पीटीआई-के साथ जी20 और संबंधित मुद्दों पर केंद्रित 80 मिनट के साक्षात्कार में मोदी ने कहा, भारत की जी20 अध्यक्षता से कई सकारात्मक प्रभाव सामने आ रहे हैं।

उनमें से कुछ मेरे दिल के बहुत करीब हैं। मोदी ने कहा कि हालांकि यह सच है कि जी-20 अपनी संयुक्त आर्थिक ताकत के मामले में एक प्रभावशाली समूह है, पर ‘‘दुनिया का जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण अब मानव-केंद्रित’’ में बदल रहा है और ठीक उसी तरह जैसे द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद एक नई विश्व व्यवस्था बनी, उसी तरह कोविड महामारी के बाद एक नई विश्व व्यवस्था आकार ले रही है। उन्होंने कहा, ‘‘विश्व स्तर पर मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में बदलाव शुरू हो गया है और हम उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहे हैं। भारत की जी-20 अध्यक्षता ने तथाकथित ‘तीसरी दुनिया’ के देशों में भी विश्वास के बीज बोये हैं। मोदी ने कहा, ‘‘सबका साथ -सबका विकास’ मॉडल जिसने भारत को रास्ता दिखाया है, वह दुनिया के कल्याण के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत भी हो सकता है।

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