By अंकित सिंह | Sep 01, 2022
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वेक्षण का फैसला किया है। इसके बाद से इस पर बवाल भी शुरू हो गया है। इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने योगी सरकार के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि योगी सरकार मुसलमानों के विकास के लिए प्रतिबंध है। अपने बायन में दानिश अंसारी ने कहा कि यूपी सरकार अल्पसंख्यकों के लिए लगातार ईमानदारी से काम कर रही है। चाहे मदरसों का आधुनिकीकरण करना हो या मुस्लिम युवाओं को सशक्त बनाना। उन्होंने दावा किया कि योगी सरकार मुस्लिम समुदाय की उन्नति के लिए काम कर रही है।
अल्पसंख्यक मंत्री ने कहा कि 16,513 कानूनी मदरसों के अलावा, विभिन्न जिलों में कई अन्य मदरसे स्थापित किए गए हैं जिन्हें बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। उनका डेटा यह जांचने के लिए सरकार के पास होना चाहिए कि क्या वहां पढ़ने वाले छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुविधाएं मिल रही हैं। इस प्रकार यूपी सरकार इसे सुनिश्चित करने के लिए एक सर्वेक्षण करवा रही है। इसके साथ ही उन्होंने ओवैसी पर भी पलटवार किया है। दानिश अंसारी ने कहा कि ओवैसी साहब हमेशा गुमराह करने वाली राजनीति करते हैं। लेकिन आज के मुसलमान अच्छी तरह से जानते हैं, वे जानते हैं कि उनके विकास के लिए क्या अच्छा है और उन्हें योगी सरकार पर भरोसा है।
योगी सरकार के इस फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते हुए इसे मिनी एनआरसी करार दिया था। उन्होंने कहा था कि सभी मदरसे आर्टिकल 30 के तहत है। फिर यूपी सरकार सर्वेक्षण का आदेश क्यों दे रही है। मदरसों को आर्टिकल 30 के तहत विशेष अधिकार मिले हुए हैं जिसमें सरकार हस्तक्षेप नहीं कर सकती। लेकिन योगी सरकार केवल मुस्लिमों का उत्पीड़न करना चाहती है। आपको बतादें कि सर्वेक्षण में मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल, फर्नीचर, विद्युत आपूर्ति तथा शौचालय की व्यवस्था, शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी।