द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के मंत्री एसएम नसर को कुर्सी मिलने में कथित देरी को लेकर पार्टी के एक कार्यकर्ता पर पत्थर फेंकते हुए देखा गया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर कई बार शेयर किया जा चुका है। घटना तिरुवल्लुर जिले में मंत्री के निरीक्षण के दौरान हुई। कैमरे ने मंत्री को कार्यकर्ता पर गुस्सा करते हुए और एक पत्थर फेंकते हुए कैद कर लिया। अभी यह पता नहीं चला है कि इस घटना में कोई घायल हुआ है या नहीं।
दुग्ध और डेयरी विकास मंत्री एसएम नसर उस स्थान का निरीक्षण कर रहे थे, जहां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के कल एक कार्यक्रम में भाग लेने की उम्मीद है। ये कार्यक्रम राज्य में हिंदी विरोधी आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों की याद में होगा। पहली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सरकार द्वारा मद्रास प्रेसीडेंसी के स्कूलों में हिंदी के अनिवार्य शिक्षण की शुरुआत के विरोध में, 1937 में पहला हिंदी-विरोधी आंदोलन शुरू किया गया था। इस कदम का तुरंत ई वी रामासामी (पेरियार) और विपक्षी जस्टिस पार्टी ने विरोध किया। यह आंदोलन तीन साल तक चला जिसमें तमिलनाडु, पूर्व में मद्रास राज्य में उपवास, सम्मेलन, मार्च, पिकेटिंग और विरोध शामिल थे।