By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 16, 2020
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कुलकर्णी को बृहस्पतिवार को बांद्रा में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां पुलिस ने उन्हें हिरासत में सौंपनेकी मांग की। बहरहाल, अदालत ने कुलकर्णी की न्यायिक हिरासत की पुलिस की मांग को खारिज कर दिया। इसके बाद उनके वकील सुबोध ने तत्काल उनकी जमानत की अर्जी पेश की और संक्षिप्त सुनवाई के बाद अदालत ने 15 हजार रुपये के मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी। वहीं इस मामले में गिरफ्तार 10 अन्य लोगों को 19 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने कुलकर्णी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 269 और 505 तथा महामारी अधिनियम के प्रावधानों तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार कुलकर्णी ने कथित रूप से फर्जी खबर चलाई, जिसमें कहा गया कि रेलवे प्रवासी कामगारों को महाराष्ट्र सेउनके गृह नगरों तक भेजने के लिये विशेष ट्रेनें चलाने जा रहा है। पुलिस ने कहा कि खबर देखने के बाद सैकड़ों प्रवासी कामगार मंगलवार को बांद्रा स्टेशन पर जमा हो गए, जिन्हें बाद में वहां से हटा दिया गया।
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इस बीच, शिवसेना नेता संजय राउत ने कुलकर्णी को जमानत देने के अदालत के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि बांद्रा में कामगारों के जमा होने के मामले में पत्रकार को गिरफ्तार किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। राउत ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि सरकार और मीडिया दोनों लोकतंत्र के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा, दोनों पक्षों को इस बात को लेकर सतर्क रहना चाहिये कि ऐसी घटना दोबारा न हो। पत्रकार राहुल कुलकर्णी को जमानत मिलने पर मुझे खुशी हुई। पुलिस को उन आरोपों की सच्चाई का पता लगाना चाहिये जिनके तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया। राउत शिवसेना के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक भी हैं। उन्होंने कहा ‘‘मैं यह बातें एक नेता के तौर पर नहीं बल्कि पत्रकार की हैसियत से कह रहा हूं।’’ उन्होंने कहा कि इस समस्या के लिये रेलवे भी जिम्मेदार है।