By अनन्या मिश्रा | Jun 25, 2024
आज ही के दिन यानी की 25 जून को 'किंग ऑफ पॉप' यानी की माइकल जैक्सन ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। भले ही माइकल जैक्सन अब इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन आज भी हजारों-करोड़ों फैंस के दिलों में वह हर रोज धड़कते हैं। बता दें कि जब माइकल स्टेज पर परफॉर्म करते थे, तो फैंस उनके डांस मूव्स और आवाज में खो जाता करते थे। आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर पॉप सिंगर माइकल जैक्सन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
अमेरिका के इंडियाना प्रांत के गैरी शहर में 29 अगस्त 1958 को माइकल जैक्सन का जन्म हुआ था। वह बचपन से ही म्यूजिक के प्रति गहरी रुचि रखते थे। माइकल अपने पेरेंट्स की आठवीं संतान थे। कम उम्र से ही संगीत में दिलचस्पी होने की वजह से उन्होंने अपने भाई के पॉप ग्रुप से कॅरियर की शुरुआत कर दी और टैम्बोरिन व बौंगा बजाने लगे। बताया जाता है कि उस दौरान माइकल जैक्सन से यदि कोई गलती हो जाती थी, तो उनके पिता माइकल को बेल्ट से पीटते थे। जिसका माइकल जैक्सन के बाल मन पर बुरा असर पड़ा था।
करना पड़ा संघर्ष
संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाने और बुलंदियों को हासिल करने के लिए माइकल जैक्सन को काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने साल 1971 में बतौर सिंगर अपने कॅरियर की शुरूआत की थी। लेकिन उन्हें कामयाबी रातों-रात नहीं मिली। हालांकि धीरे-धीरे उनके गाए गाने लोगों की जुबां पर चढ़ने लगे और कड़ी मेहनत के बाद माइकल जैक्सन ने संगीत की दुनिया में अपना एक अलग मुकाम बनाया था। वहीं उनकी डांसिंग स्टाइल लोगों के दिलों में आज भी बसी है।
नस्लवाद का शिकार
बता दें कि माइकल जैक्सन ने 80 के दौर में कामयाबी का स्वाद चखना शुरू कर दिया था। लेकिन उन्होंने अपने इस सफर में कई बार नस्लीय टिप्पणियों का भी सामना किया। एक समय ऐसा भी आया था कि जब माइकल जैक्सन के एल्बम बीट इट बिली जीन और थ्रिलर ने नस्लवाद की हर दीवार को ध्वस्त कर दिया। वह अपने डांस मूव्स और मून वॉक के लिए भी काफी ज्यादा फेमस थे। माइकल जैक्सन के स्टेज पर आते ही फैंस दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर हो जाते थे।
शरीर और फेस के साथ एक्सपेरिमेंट
सिंगर ने अपने चेहरे और शरीर के साथ कई एक्सपेरिमेंट किए थे। उन्होंने कई बार प्लास्टिक सर्जरी का भी सहारा लिया था। दरअसल, बताया जाता है कि सिंगर माइकल जैक्सन कुल 150 सालों तक जीना चाहते थे। इसके लिए एक डॉक्टर की टीम परमानेंट उनके साथ रहती थी और वह ऑक्सीजन के चैंबर पर सोया करते थे। इसके बाद भी 25 जून 2009 को ड्रग्स के ओवरडोज की वजह से महज 50 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।