By अभिनय आकाश | Nov 06, 2021
तालिबान को लेकर दुनिया के सभी एनएसए की बैठक भारत में होगी। रूस, ईरान समेत मध्य एशिया के देश बैठक में शामिल होंगे। दिल्ली में 10 नवंबर को होने वाली एनएसए की बैठक की अध्यक्षता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल करेंगे। इस बैठक से पाक एनएसए मोइद युसूफ ने दूरी बनाई वहीं चीन ने बैठक को लेकर चुप्पी साधी है। मानवीय संकट, मानवाधिकार और महिलाओं के मुद्दे पर चर्चा होगी। इससे पहले ईरान में 2018 और 2019 में एनएसए की बैठक हो चुकी है। जबकि 2020 में भारत में होने वाली बैठक कोविड की वजह से टल गई थी।
किन मुद्दों पर होगी बातचीत
यह बैठक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) लेवल की है। इसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल करेंगे। अफगानिस्तान में मानवीय संकट की बात हो रही है। इसके साथ ही शासन, महिला सुरक्षा, तालिबान का शासन को लेकर चर्चा होगी। जहां तक भारत के साथ अफगानिस्तान के रिश्तों की बात है तो भारत यह नहीं चाहता है कि अफगानिस्तान किसी भी परिस्थिति में भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधि को अंजाम न देने दे। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से निर्वाचित सरकार के बेदखल होने और तालिबान के कब्जे के बाद सुरक्षा चिंता ही भारत के लिए सबसे अहम है।
क्या माना जा रहा अहम
भारत की तरफ से ये एक अच्छी पहल मानी जा रही है। विश्व समुदाय के लिए एक ऐसा सिग्नल है कि भारत के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। चाहे वो डिप्लोमेटिक चैनल हो या मिलिट्री या अपेक्स लेवल की वार्ता हो। भारत चाहता है कि अफगानिस्तान में शांति हो। वहां का जो आवाम है वो एक अच्छी जिंदगी वहां पर बिताए। उसने हर चीज को दरकिनार रखते हुए पाकिस्तान, चीन, रूस, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान जैसे सभी देशों को न्योता दिया है कि एक सुलझे हुए तरीके से कैसे बातचीत की जाए और सेंट्रल एशिया में शांति बहाली की जा सके।
पाक एनएसए ने बैठक से बनाई दूरी
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोईद युसूफ ने कहा कि वह अफगानिस्तान पर 10 नवंबर को होने वाले सम्मेलन के लिए भारत की यात्रा नहीं करेंगे। मोईद युसूफ से जब इस बारे में एक संवाददाता सम्मेलन में सवाल पूछा गया तो उन्होंने भारत पर तंज कसते हुए कहा कि कोई बिगाड़ने वाला शांति दूत की भूमिका नहीं निभा सकता है। इससे पहले एक समाचार ब्रीफिंग में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने कहा था कि भारत नई दिल्ली में आयोजित सम्मेलन के जरिये अफगानिस्तान में अपनी प्रासंगिकता तलाशने की कोशिश कर रहा है।