By नीरज कुमार दुबे | May 29, 2023
इस साल मार्च महीने में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पुंछ जिले के नवग्रह मंदिर जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक कर पुष्प अर्पित किये थे। अब महबूबा मुफ्ती ने वार्षिक खीर भवानी मेले के दौरान खीर भवानी मंदिर जाकर माता के दर्शन और पूजन किये। महबूबा के इस बदले हुए रूप और उनके मंदिरों के दौरे को लेकर तमाम तरह की बातें कही जा रहीं हैं लेकिन महबूबा का कहना है कि ऐसा उन्होंने साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के लिए किया। वैसे महबूबा कुछ भी कहें लेकिन उनकी ओर से पहले शिव और अब मां दुर्गा की स्वरूप माता खीर भवानी की पूजा के अलग-अलग मायने भी निकाले जा रहे हैं। हम आपको याद दिला दें कि जब महबूबा शिव मंदिर गयी थीं तब मुस्लिम धर्मगुरु भड़क गये थे और फतवा जारी किया था इसलिए देखना होगा कि अब उनके खीर भवानी मंदिर जाने पर मुस्लिम धर्मगुरु क्या रुख अपनाते हैं?
उत्सव में बड़ी संख्या में जुटे कश्मीरी पंडित
दूसरी ओर, जहां तक जम्मू-कश्मीर में गंदेरबल जिले के प्रसिद्ध रागन्या देवी मंदिर में लगे भव्य और वार्षिक खीर भवानी मेले की बात है तो आपको बता दें कि इसमें सैंकड़ों कश्मीरी पंडितों ने हिस्सा लिया। मध्य कश्मीर जिले में चिनार के विशाल पेड़ों की छाया में स्थित इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई, जिनमें से अधिकांश कश्मीरी पंडित थे जो देश के कई हिस्सों से यहां आए थे। मेले में आए भक्त नंगे पैर चल रहे थे, गुलाब की पंखुड़ियां ले जा रहे थे और देवी को अर्पित कर रहे थे। इस दौरान पुरुषों ने मंदिर के करीब जलधारा में डुबकी भी लगाई। इस दौरान मंदिर परिसर में भजनों की गूंज सुनाई दी और श्रद्धालुओं ने परिसर के भीतर दूध और खीर (चावल की खीर) चढ़ाते हुए देवी को प्रणाम किया। साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक यह मेला शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया और प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा सहित व्यापक इंतजाम किए थे।
महबूबा का बयान
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी इस अवसर पर मंदिर में दर्शन किये। महबूबा ने कहा कि उन्होंने घाटी में कश्मीरी पंडितों की गरिमापूर्ण वापसी के लिए प्रार्थना की। महबूबा मुफ्ती ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं यहां जम्मू और अन्य जगहों से आए हमारे कश्मीरी पंडित भाइयों का स्वागत करने आई हूं। हम यहां इन लोगों की गरिमापूर्ण वापसी के लिए प्रार्थना करने के लिए आए हैं ताकि एक बार फिर हिंदू-मुस्लिम-कश्मीरी पंडित जम्मू-कश्मीर में भाईचारे के साथ रह सकें।’’ दूसरी ओर, श्रद्धालुओं ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए आयोजन को शानदार बताया तो वहीं स्थानीय मुस्लिमों ने भी कहा कि हमें इस मेले में श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए खुशी होती है।
अमेरिका में भी ज्येष्ठ अष्टमी पर्व की धूम
हम आपको यह भी बता दें कि अमेरिका के टेक्सास में भी कश्मीरी पंडितों ने पूरे भक्ति भाव के साथ ज्येष्ठ अष्टमी पर्व मनाया। ऑस्टिन और डलास जैसे विभिन्न शहरों के 200 से अधिक परिवार ह्यूस्टन पहुंचे और उन्होंने हिंदू पूजा सोसायटी मंदिर में पूजा अर्चना की। इस उत्सव के लिए मंदिर में खासतौर पर सजावट की गई थी। ‘टेक्सास कश्मीरी बिरादरी’ के अध्यक्ष अमित रैना ने कहा कि टेक्सास में कश्मीरी हिंदू समुदाय बहुत जीवंत और एकजुट है। उन्होंने कहा, ''हम हर साल शिवरात्रि, नवरेह और दिवाली जैसे तीन-चार प्रमुख त्योहार साथ मिलकर मनाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे बच्चे समृद्ध कश्मीरी सांस्कृतिक मूल्यों तथा लोकाचार को आत्मसात करें।’’