By अभिनय आकाश | Apr 27, 2022
साल 2021 के अप्रैल का महीना और बेतहाशा फैलते कोरोना वायरस व तेज गति से देश में बढ़ते मामलों की संख्या के बीच देश के प्रधानमंत्री ने कोरोना प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक मीटिंग बुलाई थी जिसमें इसके खतरे से मुकाबले पर विचार विमर्श करने पर फोकस था। पीएम मोदी सभी मुख्यमंत्रियों से वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे। लेकिन जैसे ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बोलने की बारी आई मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हो गई। ये चैनलों पर भी प्रसारित होने लगी। लेकिन बाद अचानक लाइव स्ट्रीमिंग बंद भी हो गयी। एम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को लाइव टेलीकास्ट करने पर प्रोटोकॉल के पालन की नसीहत दी। मीटिंग के एक हिस्से का अरविंद केजरीवाल लाइव टेलीकास्ट कर रहे थे। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने उनकी टिप्पणी के बाद कहा कि इस मीटिंग में एक बात बहुत गलत हो रही है और प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है। बाद में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मीटिंग को लाइव दिखाने के लिए माफी मांग ली। लेकिन इसके ठीक एक साल बाद कोरोना की चौथी लहर की आशंकाओं के बीच एक बार फिर से प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग की और इस बार भी चर्चा का केंद्र अरविंद केजरीवाल बन गए।
समीक्षा बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने बैठने के अंदाज से इंटरनेट पर खूब सुर्खियां बटोरी। वो इतने गंभीर विषय पर मीटिंग के दौरान कई बार उबासी लेते नजर आए। कभी चेयर पर दोनों हाथों को ऊपर कर लेटने की मुद्रा में नजर आए तो कितनी दफा अलग-अलग मुद्राओं में दिखे। जिसके बाद बीजेपी ने केजरीवाल के इस व्यव्हार की तीखी आलोचना की है। दिल्ली बीजेपी ने केजरीवाल के मीटिंग के दौरान बैठने को लेकर ट्वीट करते हुए उन्हें मैनरलेस सीएम बताया है। वहीं बीजेपी मीडिया सेल के हेड अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा, “लगातार बदतमीजी से खुद को बदनाम कर रहे हैं अरविंद केजरीवाल। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद जयहिंद ने केजरीवाल का वीडियो शेयर करते हुए पूछा, “क्या अरविंद केजरीवाल बोर हो रहे हैं, मैनरलेस या दोनों? क्या ऐसे कोई मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग में व्यवहार करता है?”