By राजीव शर्मा | Nov 23, 2021
उत्तर प्रदेश के मेरठ में चोरी के वाहन और उनके पार्ट्स बेचने के आरोपी हाजी इकबाल की 10 करोड़ से भी ज्यादा की संपत्ति पुलिस ने कुर्क कर ली। आरोपी के दो मकान भी सील किए गए हैं। पुलिस ने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली समेत कई राज्यों तक फैले इनके नेटवर्क को पुलिस ने काफी हद तक कमजोर कर दिया है। एएसपी ने पुलिस फोर्स के साथ पहले मुनादी कराई। उसके बाद इकबाल की दोनों कोठियों को सील कर दिया। पुलिस की जांच में सामने आया कि अवैध कमाई से इकबाल ने पटेल नगर में दस करोड़ कीमत से दो कोठियां बनाई थीं। जानकारी के अनुसार पुलिस कार्रवाई के दौरान ही हाजी इकबाल के स्वजन रिश्तेदारी में चले गए थे।
दरहसल, यूपी के मेरठ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक बाइक मिस्त्री चोरी के वाहनों और उनके पार्ट्स बेचने का धंधा करके कुछ साल में ही करोड़पति बन गया। सोतीगंज के शातिर कबाड़ी हाजी इकबाल का नेटवर्क दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों तक फैला है। हाजी इकबाल के पिता मोहम्मद उमर मजदूर थे। इकबाल अपने सोतीगंज निवासी बहनोई के पास रहा और वहीं बाइक मिस्त्री का काम सीखा। धीरे-धीरे वह स्क्रैप का काम करने लगा। इस बीच, उसकी ऐसे लोगों से मुलाकात हुई जो चोरी के वाहन खरीदने-बेचने का काम करते थे। उसने गिरोह तैयार किया और काम भी शुरू कर दिया। साल 2009 तक उसकी माली हालत सुधरती चली गई। इसी दौरान इकबाल ने पटेलनगर में मकान संख्या 30ए खरीदा और आलीशान कोठी तैयार कर चर्चा में आ गया। साल 2010 में उसने दिल्ली रोड रविंद्रपुरी में 161, 162ए और 162बी खरीदे और वहां बड़े गोदाम तैयार कर वाहन कटान का काम शुरू किया। 2015 तक वह अकूत संपत्ति का मालिक बन गया। उसने पटेलनगर में मकान संख्या 29 को दो करोड़ रुपए में खरीदा। दिखावे के लिए लोन भी लिया। खास बात यह थी कि कागजों में 1.5 करोड़ का यह मकान दिखाया गया था।
एएसपी कैंट सूरज राय ने बताया कि जिला मैजिस्ट्रेट न्यायालय के आदेश के अनुपालन में हाजी इकबाल की संपत्ति कुर्क की गई है। पुलिस की इस कार्रवाई के दौरान क्षेत्र के लोग जगह-जगह मौजूद रहे, लेकिन पुलिसबल के चलते कोई विरोध करने का साहस नहीं जुटा सका। अगर इन संपत्तियों को बेचने और खरीदने का कोई प्रयास करता है तो वह गैरकानूनी माना जाएगा। मामले में एसएसपी प्रभाकर चौधरी के अनुसार, कुख्यात कबाड़ माफिया हाजी इकबाल के खिलाफ विभिन्न थानों में 6 एफआईआर दर्ज हैं। उसके खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट के तहत निरोधात्मक कार्रवाई भी की जा चुकी है। मामले में पुलिस ने जांच की और आरोपी हाजी इकबाल की 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति को रविवार को कुर्क कर लिया। पुलिस ने आरोपी के दो मकानों पर सील किया और उनके बाहर डीएम की ओर से जारी नोटिस चस्पा कर दिया। इस दौरान वहां भारी भीड़ जुट गई, लेकिन पुलिस की संख्या देख कोई भी विरोध करने का साहस नहीं जुटा पाया। इससे पहले यहां कुख्यात कबाड़ी हाजी नईम उर्फ गल्ला की प्रॉपर्टी भी पुलिस कुर्क कर चुकी है।
कुर्की की ये कार्रवाई रविवार को पटेल नगर में की गई। कबाड़ी हाजी इकबाल की संपत्ति कुर्क करने से पहले ही परिवार के लोगों ने दोनों कोठियों का ज्यादातर कीमती सामान समेट लिया था। करीब 40 मिनट तक पटेल नगर में पुलिस छावनी जैसा नजारा रहा। सुबह से एएसपी सूरज राय के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल पटेल नगर पहुंच गया था। पुलिस ने हाजी इकबाल के मकान के सामने पहुंचकर मुनादी कराई और जिलाधिकारी के आदेश को पढ़कर सुनाया। इसके बाद पुलिस ने पटेल नगर स्थित हाजी इकबाल के मकान नंबर 29 और उसके बाद मकान नंबर 30ए को लेकर कुर्की की कार्रवाई शुरू कराई। दोनों मकानों में जाकर निरीक्षण भी किया और वहां मौजूद सामान की वीडियोग्राफी भी कराई।
ज्ञात रहे की सोतीगंज में चोरी के वाहनों का कटान रोकने को मेरठ के सांसदराजेंद्र अग्रवाल ने लोकसभा में मामला उठाया था और सीएम योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखा था। इसके बाद से सोतीगंज के कबाडिय़ों पर कार्रवाई के लिए अभियान चलाया गया। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कानूनी कार्रवाई करते हुए वाहनों का कटान बंद करा दिया। सोतीगंज के कुख्यात कबाड़ी हाजी गल्ला और हाजी इकबाल समेत 20 कबाडिय़ों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की गई। हाजी गल्ला और हाजी इकबाल को गैंगस्टर एक्ट में जेल भेज दिया था। इसके बाद हाजी इकबाल की संपत्ति की जांच की गई थी।