By राजीव शर्मा | Aug 10, 2021
मेरठ। मेरठ के SSP प्रभाकर चौधरी के तेवरों से पुलिस विभाग में हड़कंप जैसी स्थिति मची हुई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ एसएसपी लगातार पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई कर रहे हैं। अब एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने मेरठ के गंगानगर थाने में तैनात दरोगा दिनेश कुमार को निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि दारोगा एक युवती के साथ मिलकर हनीट्रैप गैंग चला रहा था। दोनों लोगों को फंसाकर रुपये ठगने का काम करते थे। मामले में दारोगा समेत 4 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
16 जून 2021 को एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने मेरठ में कप्तान के तौर पर जिले की कमान संभाली। एसएसपी ने पहले दिन ही पुलिस को साफ शब्दों में हिदायत दी थी कि यदि किसी भी पुलिसकर्मी की भ्रष्टाचार के संबंध में कोई भी शिकायत या लापरवाही मिली तो सीधे मुकदमा दर्ज कर सस्पेंड किया जाएगा। एसएसपी लगातार पहले दिन से ही दागी पुलिसकर्मियों पर शिकंजा कस रहे हैं, और उसके बाद भी मेरठ पुलिस शायद एसएसपी की नसीहत को समझ नहीं रही है। SSP -72 पुलिसकर्मियों को एक दिन में ही लाइन हाजिर कर चुके हैं। गंगानगर थाने में दरोगा दिनेश कुमार रजपुरा चौकी पर तैनात थे। 2 माह पहले जहां एक युवक पर छेड़छाड़ के मामले में दरोगा युवक को थाने में ले आए, उस समय एसएसपी अजय साहनी मेरठ में कप्तान थे। आरोप है कि दरोगा ने 1.20 लाख रुपए लेकर युवक को छोड़ दिया। बाद में उसी युवती ने पुलिस से कहा कि युवक मुझे परेशान कर रहा है। 10 दिन पहले युवक ने एसएसपी प्रभाकर चौधरी से शिकायत की कि मैं दरोगा को 1.20 लाख रुपए दे चुका हूं, उसके बाद भी मुझे परेशान किया जा रहा है। एसएसपी ने गोपनीय रूप से दरोगा की जांच कराई तो आरोप सही पाए गए। गंगानगर थाने में दरोगा दिनेश कुमार पर धारा 384 व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज कर सस्पेंड कर दिया गया है।
पुलिस का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली थी कि हनीट्रैप के माध्यम से लोगों से रुपये ऐंठने का काम किया जाता था। जांच-पड़ताल करने पर पता चला कि इसमें गंगानगर में तैनात एक दारोगा और उसकी महिला मित्र शामिल है। वहीं इस मामले में हापुड़ के युवक को भी शिकार बनाया गया था। पुलिस ने इस मामले में दारोगा समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। वहीं जाँच में दारोगा के भ्रष्टाचार व हनीट्रैप के मामले में लिप्त होने की जानकारी होने पर पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। एंटी करप्शन टीम द्वारा पकड़े गए दारोगा के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।