जल्द शुरू होगा वेंटिलेटर ‘स्वस्थवायु’ का चिकित्सीय परीक्षण

By उमाशंकर मिश्र | Jul 28, 2020

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) से संबद्ध नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेटरी (एनएएल) के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित वेंटिलेटर ‘स्वस्थवायु’ का चिकित्सीय परीक्षण जल्दी शुरू हो सकता है। यह चिकित्सीय परीक्षण बंगलुरु के मणिपाल हॉस्पिटल्स में किया जाएगा। एनएएल द्वारा जारी एक ताजा बयान में यह जानकारी दी गई है।


एनएएल में इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के मुख्य वैज्ञानिक डॉ सी.एम. आनंद ने कहा है- इस उपकरण का परीक्षण कृत्रिम फेफड़े के मॉडल पर किया गया है। इसे नेशनल एक्रेडटैशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग ऐंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज (एनएबीएल) के इलेक्ट्रिकल सुरक्षा, कार्यप्रणाली, मूल्यांकन और जैव-अनुकूलता से जुड़े कड़े परीक्षणों मेंप्रभावी पाया गया है। यह उपकरण सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई) और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) जैसी नियामक संस्थाओं में पंजीकृत है।

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इसे विकसित करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि यह वेंटिलेटर कोविड-19 समेत अन्य श्वसन संबंधी रोगों के उपचार में मददगार हो सकता है। इसका उपयोग बिना चीरफाड़ के आईसीयू जैसी चिकित्सा परिस्थितियों में भी किया जा सकता है। ‘स्वस्थवायु’ वेंटिलेटर को एनएएल के वैज्ञानिकों ने बंगलुरु के मणिपाल हॉस्पिटल्स के विशेषज्ञ डॉ सत्यनारायण और सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स ऐंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल के साथ मिलकर विकसित किया है।


डॉ सत्यनारायण ने बताया कि “स्वस्थवायु बाय-लेवल मोड (BiPAP), कॉन्टिन्यूअस पॉजिटिव एयर-वे मोड (CPAP), स्पॉन्टैनिअस मोड्स और नॉन वेंटिलेडिट मास्क से जुड़े 3डी प्रिंटेड हेपा-टी फिल्टर एडॉप्टर जैसी खूबियों से लैस है।” उन्होंने बताया कि इस उपकरण में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर को बाहर से भी जोड़ा जा सकता है।

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मणिपाल हॉस्पिटल्स में नीतिगत मामलों की समिति एवं वैज्ञानिक समिति ने डॉ सत्यनारायण की देखरेख में किए जा रहे इस चिकित्सीय परीक्षण को मंजूरी दे दी है। डॉ सत्यनारायण ने कहा है कि “यह उपकरण महामारी के बाद भी विभिन्न बीमारियों के इलाज में उपयोगी हो सकती है, जिनमें स्लीप डिसऑर्डर ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया और अन्य स्लीप एप्निया शामिल हैं।" उन्होंने बताया कि इस वेंटिलेटर का परीक्षण जल्द ही शुरू किया जाएगा और हमारा ध्यान फिलहाल पूरी तरह से इसके सफल परीक्षण पर केंद्रित रहेगा।


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