By अंकित सिंह | Oct 09, 2021
बिहार में कुशेश्वरस्थान और तारापुर में उपचुनाव होने है। इस उपचुनाव में एनडीए तो एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। जबकि महागठबंधन में साफ तौर पर दरार दिख रहा है। गठबंधन में होने के बावजूद कांग्रेस और आरजेडी दोनों ने ही दोनों जगह अपने-अपने उम्मीदवार उतारे है। कांग्रेस का आरोप था कि राजद ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया और उपचुनाव में बिना किसी राय लिए दोनों जगह अपने उम्मीदवार उतार दिए है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि कुशेश्वरस्थान में 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी दूसरे नंबर पर थी। ऐसे में पहला हक उसका बनता था।
कन्हैया कुमार को लेकर भी मुश्किल
इस मामले को लेकर राजद और कांग्रेस आमने-सामने हो गई थी तो वही कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से राजद देश की सबसे पुरानी के साथ रिश्तो को लेकर सहज नहीं दिख रहा है। राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि अगर कन्हैया कुमार बिहार में मजबूत होते हैं तो कहीं ना कहीं वह तेजस्वी यादव के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं। यही कारण है कि राजद ने तो यह तक कह दिया कि कन्हैया कुमार के आ जाने से बिहार में कांग्रेस को कुछ खास हासिल नहीं होने वाला है। इन सबके बीच दिल्ली में राहुल गांधी और लालू यादव एक साथ दिखे।
लालू-राहुल की मुलाकात
दरअसल, मौका था पूर्व केंद्रीय मंत्री और दलित नेता रामविलास पासवान की पुण्यतिथि का। इस अवसर पर सबसे ज्यादा आकर्षण लालू यादव और राहुल गांधी की मुलाकात रही। राहुल गांधी की ओर से जो तस्वीर भी डाली गई उसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि दोनों नेताओं के आत्मीय संबंध कितने मधुर है। दोनों अलग-अलग भले ही बैठे हैं लेकिन दोनों के चेहरों पर मुस्कान है और दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए हैं। माना जा रहा है कि राहुल गांधी की ओर से यह तस्वीर जारी करना अपने आप में बेहद ही महत्वपूर्ण है। राहुल की यह तस्वीर बता रही है कि भले ही बिहार में फिलहाल दोनों दलों के रिश्तो में थोड़ी तनातनी जरूर है लेकिन शीर्ष नेताओं में तनिक भी दूरी नहीं है।
यह दिग्गज हुए शामिल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि पर शुक्रवार को उन्हेंश्रद्धांजलि दी और उनके पुत्र एवं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान से मुलाकात की। राहुल गांधी का यहां पासवान के आवास पर पहुंचना इस मायने में भी अहम माना जा रहा है कि कई विपक्षी दल इन दिनों चिराग से नजदीकी बढ़ाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे, राजद प्रमुख लालूप्रसाद यादव, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला, कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर तथा कई अन्य नेताओं ने भी रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि अर्पित की।