By अभिनय आकाश | Feb 13, 2023
दिल्ली में मेयर पद का चुनाव लगातार टलता ही जा रहा है। मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है। 13 फरवरी को हुई सुनवाई में उपराज्यपाल कार्यालय की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि चुनाव कोर्ट की सुनवाई के बाद ही करवाया जाएगा। मामले में आगे 17 फरवरी को सुनवाई होगी। जिसकी वजह से फिलहाल 16 फरवरी को मतदान नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मनोनीत सदस्य संवैधानिक प्रावधान के अनुसार चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं। अदालत की मौखिक टिप्पणी सोमवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव के संबंध में आम आदमी पार्टी (आप) के एक नेता द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान आई। शैली ओबेरॉय की याचिका में मनोनीत सदस्यों को महापौर के चुनाव में मतदान करने से प्रतिबंधित करने की मांग की गई है।
सुनवाई 17 फरवरी तक स्थगित करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि मनोनीत सदस्य चुनाव के लिए नहीं जा सकते। संवैधानिक प्रावधान बहुत स्पष्ट है। इस पर दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से पेश हुए एएसजी संजय जैन ने पीठ से कहा कि अदालत मामले की सुनवाई होने तक चुनाव स्थगित कर सकती है। इससे पहले 16 फरवरी को चुनाव होने थे।
एक संक्षिप्त सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कल से हमारे पास एक संविधान पीठ है और हम इसे अभी नहीं तोड़ सकते। और आज, हमारे पास अमेरिकी न्यायाधीशों का एक प्रतिनिधिमंडल है, इसलिए मुझे उनसे मिलना है और मैं इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकता। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ को बताया कि संविधान के अनुच्छेद 243आर ने इसे बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है। ओबेरॉय की याचिका में दिल्ली नगर निगम के सदन के प्रोटेम पीठासीन अधिकारी को हटाने की भी मांग की गई है।