One Nation One Election का मायावती ने किया स्वागत, RJD का विरोध, जानें अन्य पार्टियों का स्टैंड

By अंकित सिंह | Sep 18, 2024

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक ही समय पर कराना है। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट के सामने रखी गई। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' संबंधी विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किये जाने की उम्मीद है। हालांकि, इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कुछ पार्टियों ने इसका विरोध किया है तो कुछ इसके समर्थन में खड़ी हैं। 

 

इसे भी पढ़ें: चुनौतियों को चुनौती देकर उन पर विजय हासिल करने वाले को नरेंद्र मोदी कहते हैं


बीएसपी प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया कि देश में एक देश, एक चुनाव' की व्यवस्था के तहत लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा आज दी गई मंजूरी पर हमारी पार्टी का रुख सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य राष्ट्रीय और सार्वजनिक हित में होना चाहिए। समाजवादी पार्टी के नेता रविदास मल्होत्रा ने कहा कि अगर बीजेपी 'एक देश, एक चुनाव' लागू करना चाहती है तो उसे सभी विपक्षी दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों और लोकसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। हम देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव चाहते हैं। 


वन नेशन वन इलेक्शन पर NCP के राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजमोहन श्रीवास्तव ने कहा कि मैं पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने बहुत कम समय में इतने बड़े काम को आकार दिया। हमारी पार्टी ने इस मुद्दे का समर्थन किया है। लेकिन, इतने बड़े स्तर पर चुनाव का प्रबंधन करना और वह भी एक बार में, सरकार और चुनाव आयोग को इस बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम लोगों का विश्वास जीतने के लिए एक योजना सार्वजनिक डोमेन में होनी चाहिए। मैं एनसीपी की ओर से पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने एक संकल्प लिया है। और उसे पूरा करने के लिए वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं। 

 

इसे भी पढ़ें: PM Narendra Modi Birthday: संघर्षों और संकल्पों से भरा रहा पीएम मोदी का जीवन, आज मना रहे 74वां जन्मदिन


झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह देश संघीय ढांचे से चलता है। ये फैसले हमें साम्राज्यवाद की ओर धकेल रहे हैं। यह न तो संभव है और न ही व्यावहारिक। यह संविधान पर हमला है। राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि मेरी पार्टी हमेशा कहती है कि इस देश में एक देश एक चुनाव था, 1962 के बाद यह व्यवस्था टूट गई क्योंकि एक दल का प्रभुत्व समाप्त हो गया और कई क्षेत्रीय दलों ने राज्यों में सरकार बना ली। उन्होंने कहा कि अब अगर कोई सरकार गिर जाए तो आप क्या करेंगे? क्या आप राष्ट्रपति शासन लाएंगे? क्या आप अगले चुनाव तक राज्यपाल के माध्यम से सरकार चलाएंगे? लोगों का ध्यान बुनियादी मुद्दों से भटकाने के लिए ये लोग सजावटी चीजों में माहिर हैं। वे संघीय ढांचे की आत्मा को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं, वे खत्म हो जाएंगे लेकिन यह विविधता बनी रहेगी।'

प्रमुख खबरें

PM Narendra Modi कुवैती नेतृत्व के साथ वार्ता की, कई क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई

Shubhra Ranjan IAS Study पर CCPA ने लगाया 2 लाख का जुर्माना, भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने है आरोप

मुंबई कॉन्सर्ट में विक्की कौशल Karan Aujla की तारीफों के पुल बांध दिए, भावुक हुए औजला

गाजा में इजरायली हमलों में 20 लोगों की मौत