मायावती ने बांग्लादेश में दलितों के साथ हो रही हिंसा पर सपा-कांग्रेस की चुप्पी पर कसा तंज

By अजय कुमार | Dec 07, 2024

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में बड़ी संख्या में हिंदू अत्याचार का शिकार हो रहा है। इनमें ज्यादातर लोग दलित और कमजोर वर्ग के हैं। इसीलिये  कांग्रेस पार्टी इस मामले पर चुप है और यही कारण है कि वह संभल-संभल चिल्ला रही है। मायावती ने कहा कि इस मामले में सपा हो या कांग्रेस सभी एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को अपनी जिम्मेदारी को निभाना चाहिए, जिससे दलित समाज के लोगों पर अत्याचार कम हो सके।


बता दें बांग्लादेश में जब से शेख हसीना की सरकार को जबरन हटाया गया है तब से वहां अल्पसंख्यक यानी हिन्दू समुदाय के हालात खराब बने हुए हैं। यहां आए दिन उन पर हमले किए जा रहे है। ये हमले इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से ही हर रोज बढ़ते जा रहे हैं। अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ भारत में भी विरोध देखने को मिल रहा है, लेकिन कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, चन्द्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी सहित तमाम ऐसे दल जो मुस्लिम तुष्टिकरण की सियासत करते हैं चुप्पी साधे हुए हैं।

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मायावती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि संसद में विपक्ष देश व जनहित के मुद्दे न उठाकर अपने राजनीतिक स्वार्थ के मुद्दे उठा रहा है। खासकर सपा व कांग्रेस पार्टी संभल में हुई हिंसा के बहाने मुस्लिम मतदाताओं को खुश करने की कोशिश में लगी हुई है, लेकिन अब तक इन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर कुछ नहीं बोला है। ये केवल अपने मुस्लिम वोटरों को खुश करने में लगी हुई हैं। इन्हें अन्य मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है।


उन्होंने आगे कहा कि इतना ही नहीं, ये पार्टियां संभल में मुस्लिम समुदायों को आपस में लड़वा रही हैं.। मुस्लिम समुदाय को भी सतर्क रहना होगा। मायावती ने चंद्रशेखर आज पर तंज कसते हुए कहा कि इससे भी ज्यादा दुख की बात है कि जिनके वजह से दलित वर्ग के सांसद संसद में पहुंचे हैं, वो भी अपने पार्टियों के आकाओं को खुश करने के लिए दलित उत्पीड़न के मुद्दों पर चुप बैठे हैं।


गौरतलब हो, बांग्लादेश में सबसे ज्यादा मुस्लिम और दलित है। वहां हिंसा का सबसे ज्यादा शिकार दलित वर्ग हो रहा है। ऐसे में सरकार अपनी जिम्मेदारी को बढ़-चढ़ कर निभाए। वहां की सरकार से बातचीत कर शोषण से शिकार लोगों को भारत वापस लाया जाए।

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