By अंकित सिंह | Jun 19, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव एक साथ कराने को लेकर चरेचा के लिए एक बैठक बुलाई है। मोदी ने उन सभी दलों के प्रमुखों को इस बैठक के लिए आमंत्रित किया है जिनका लोकसभा या राज्यसभा में कम से कम एक सदस्य है। सूत्रों कि माने तो इस बैठक में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर सबसे ज्यादा चर्चा होने की संभावना है। इसको लेकर राजनीति तेज हो गई है। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है। देश में ’एक देश, एक चुनाव’ की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजबारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास व छलावा मात्र है।
मायावती ने ईवीएम पर चिंता जताते हुए कहा कि कहा कि बैलेट पेपर के बजाए ईवीएम के माध्यम से चुनाव की सरकारी जिद से देश के लोकतंत्र व संविधान को असली खतरे का सामना है। ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास चिन्ताजनक स्तर तक घट गया है। ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने हेतु अगर आज की बैठक बुलाई गई होती तो मैं अवश्य ही उसमें शामिल होती।