By अंकित सिंह | Aug 28, 2021
सीमा पार एक बार फिर से आतंकी एकजुट हो रहे हैं। यह भारत के लिए चिंता की बात है। तालिबानी आतंकी और जैस ए मोहम्मद के गठजोड़ भारत की सुरक्षा एजेंसियों के सामने नई चुनौती पेश कर सकता है। दूसरी ओर रक्षा मंत्री ने एक बार फिर से भारत को स्वदेशी पोत निर्माण हब बनाने की बात कही है। इसी को लेकर हम विश्लेषण करेंगे। लेकिन बड़ी खबर करनाल से आ रही है जहां किसानों पर लाठीचार्ज हुआ है। जिसके बाद माना जा रहा है कि किसान आंदोलन एक बार फिर से तेज हो सकता है।
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत की सुरक्षा एजेंसियां लगातार अलर्ट हैं। इन सब के बीच खबर यह है कि अफगानिस्तान के कंधार में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और तालिबानी नेताओं के बीच मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के बाद सभी खुफिया एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। सूत्र बता रहे हैं कि जैश ने तालिबानी नेताओं से भारत के जम्मू कश्मीर में हमलों को लेकर मदद मांगी है। इस बैठक में पाकिस्तान के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई। भारत भी इस बैठक को लेकर सक्रियता बढ़ा दी गई है। तमाम सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं ताकि आतंकियों के खतरनाक मंसूबों पर पानी फेरा जा सके।
हरियाणा में भाजपा नेताओं को रोकने की कोशिश कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया गया है। करनाल की यह घटना है जहां टोल प्लाजा पर पुलिस ने किसानों पर लाठियां भांजी हैं। यहां किसानों ने रास्ते को बंद कर दिया था। लाठीचार्ज में कई किसानों के घायल होने की भी खबर है। किसानों के लाठीचार्ज का मामला तूल पकड़ने लगा है। भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने किसानों पर किए गए लाठीचार्ज पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत से ध्यान भटकाने के लिए सरकार यह षड्यंत्र कर रही है।
वहीं राकेश टिकैत फिलहाल लहिमाचल दौरे पर है। उन्होंने कहा कि पिछले 35 सालों से हिमाचल के किसानों की हर समस्या की लडाई किसान यूनियन लडाई लडती रही है। यह पहली बार नहीं है। टिकैत साहब भी यहां के किसानों बागवानों के प्रति चिंतित रहते थे। वह सेब और किसान की बात करते थे। सुनिए टिकैत ने क्या कहा
मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में स्वदेशी पोत निर्माण का हब बनने की ‘‘असीम संभावना’’ है। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र घरेलू उद्योग को विश्व स्तरीय बनाने में मदद के लिए कई नीतियां लाया है। भारतीय तटरक्षक बल के पोत (आईसीजीएस) ‘विग्रह’ को यहां नौसेना के बेड़े में शामिल करने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि अगले दो वर्षों में दुनियाभर में सुरक्षा पर खर्च दो लाख दस हजार करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। ‘विग्रह’ सात अपतटीय गश्ती जहाजों में आखिरी जहाज है।