उलान उदे। छह बार की चैम्पियन एम सी मैरी कॉम (51 किलो) को विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा जब वह सेमीफाइनल में तुर्की की बुसेनाज काकिरोग्लू से हार गई। तीसरी वरीयता प्राप्त मैरी कॉम को यूरोपीय चैम्पियनशिप और यूरोपीय खेलों की स्वर्ण पदक विजेता काकिरोग्लू से 1.4 से पराजय झेलनी पड़ी।
भारतीय दल ने फैसले का रिव्यू मांगा लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ की तकनीकी समिति ने उनकी अपील खारिज कर दी।मेरीकोम ने हार के बाद ट्वीट किया,‘‘क्यो और कैसे। दुनिया को यह पता लगे कि यह फैसला कितना सही था या कितना गलत।’’ पहले दौर में मैरी कॉम ने अच्छे जवाबी हमले किये और काकिरोग्लू अपने कद का फायदा नहीं उठा सकी। दूसरे दौर में हालांकि उसने शानदार वापसी की। आखिरी तीन मिनट में तुर्की की मुक्केबाज ने दबाव बना लिया।
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इस हार के बावजूद मैरी कॉम ने सबसे ज्यादा पदक महिला विश्व चैम्पियनशिप में जीतने का रिकार्ड अपने नाम किया। यह विश्व चैम्पियनशिप का उनका आठवां और 51 किलोवर्ग में पहला पदक है। मंजू रानी (48 किलो), जमुना बोरो (54 किलो) और लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) भी सेमीफाइनल में भारतीय चुनौती पेश करेंगी।