By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 01, 2023
महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण आंदोलन शुक्रवार को हिंसक हो गया, जिसमें कम से कम 12 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अंबाड तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सराथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। ग्रामीणों ने दावा किया कि पुलिस ने हवा में गोलीबारी की, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की। मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार से गांव में भूख हड़ताल कर रहे थे। राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान किये गये आरक्षण को उच्चतम न्यायालय ने रद्द कर दिया था।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शांति की अपील की और घोषणा की कि हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी। वहीं, उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि पथरव के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को आंदोलन हिंसक हो गया और कुछ लोगों ने राज्य परिवहन की बसों और निजी वाहनों को निशाना बनाया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पथराव में पुलिस उपाधीक्षक सचिन सांगले सहित कम से कम 12 पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हो गए, जबकि अंतरवाली सराथी में लाठीचार्ज में 20 प्रदर्शनकारी घायल हो गये। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को प्रदर्शनकारियों से बात की थी और उनसे भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया था लेकिन उन्होंने पीछे हटने से इनकार कर दिया था। उन्होंने बताया कि जालना में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है।
एक समाचार चैनल से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी को भी हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने मांग की कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट करे। पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा कि अंतरवाली सारथी गांव में पुलिस द्वारा किया गया लाठीचार्ज अस्वीकार्य है। फडणवीस ने एक समाचार चैनल से कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का घेराव किया जो उनसे बात करने गई थी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन लोगों ने भूख हड़ताल पर बैठे व्यक्ति को घेर लिया और पुलिस को उसे अस्पताल ले जाने से रोका। उन्होंने कहा कि सरकार किसी व्यक्ति के जीवन को खतरे में डालने की अनुमति नहीं दे सकती। उन्होंने बताया कि पथराव में 12 पुलिसकर्मी घायल हो गये।