By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 02, 2020
नयी दिल्ली। उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से पीड़ित कई लोगों के घर समेत दस्तावेज भी बर्बाद हो जाने से उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे दिल्ली सरकार से मुआवजे की मांग किस आधार पर करें। हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक मुस्तफाबाद में अल-हिंद अस्पताल के एक राहत शिविर में ऐसे कई परिवारों के मन में यही प्रश्न उठ रहा है। हालांकि एक अधिकारी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि मुआवजा देने की प्रक्रिया सरल हो सके ताकि किसी भी पीड़ित को मुआवजा पाने में कोई समस्या न हो।
राहत शिविर में शरण लेने आए इमरान के अनुसार दंगाइयों ने शिव विहार स्थित उनके घर पर हमला किया। इमरान ने कहा, “उन्होंने हमारा घर जला दिया और उसके साथ मतदाता पहचान पत्र, आधार और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज भी नष्ट हो गए। दिल्ली सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है लेकिन दस्तावेजों के बिना मुआवजा कैसे मिलेगा इस पर असमंजस की स्थिति है।” अल-हिंद अस्पताल के राहत शिविर में ही 25 वर्षीय आयत ने बताया कि पिछले मंगलवार को दंगाइयों ने हमला किया लेकिन वह अपनी तीन बेटियों के साथ भागने में कामयाब रही।
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आयत ने कहा कि शिव विहार स्थित उसके किराए के घर के साथ दस्तावेज भी आग में जलकर खाक हो गए। पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को दस लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की थी। हिंसा में जिनके घर जल गए थे उन्हें राज्य सरकार ने 25,000 रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की थी।