By युद्धवीर सिंह लांबा | Jul 13, 2020
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या थमने का नाम नहीं ले रही है। वैश्विक महामारी कोरोना का भारत सहित विश्व के अधिकांश देशों में प्रकोप बना हुआ है। दुनिया भर के चिकित्सा वैज्ञानिक अब तक न कोरोना की वैक्सीन तैयार कर पाये हैं न ही इसकी कोई दवाई। विभिन्न देशों के वैज्ञानिक, दवा कंपनियां और स्वास्थ्य संस्थान कोरोना की दवा और वैक्सीन के लिए शोध कर रहे हैं, कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। डॉक्टर कह रहे हैं कि कोरोना वायरस को लेकर सावधानी व जागरूकता बरतने की जरूरत है। परहेज और सुरक्षा ही कोरोना वायरस का बचाव है। ऐसे में बचाव से ही कोरोना वायरस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। अगर कोरोना वायरस को आप अब भी गंभीरता से नहीं ले रहे तो सावधान हो जाइए, अब कोरोना वायरस को लेकर ढीला रवैया आपकी जिंदगी को कई गुना ज्यादा खतरे में डाल सकता है। कोरोना वायरस से बचाव ही एकमात्र उपचार है।
दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों में से एक मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के रिसर्च के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी का सबसे बुरा दौर अभी आने वाला है। भारत में भी कोरोना वैक्सीन या दवाई के बिना आने वाले महीनों में कोविड-19 के मामलों में भारी उछाल देखने को मिल सकता है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोध में इस बात का दावा किया जा रहा है कि भारत में 2021 के अंत तक रोजाना 2.87 लाख मामले सामने आएंगे और भारत दुनिया में कोरोना वायरस से प्रभावित देशों की सूची में पहले पायदान पर पहुंच जाएगा।
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, '32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को लिखे एक खुले पत्र में लोगों को संक्रमित करने की छोटे कणों की भी क्षमता रेखांकित की और एजेंसी से अपने सुझावों में बदलाव करने की अपील की है।' संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी तक खांसने और छींकने को ही कोरोना वायरस फैलने का मुख्य कारण बताया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गत मंगलवार को पहली बार माना कि कोरोना वायरस हवा के जरिए भी फैल रहा है।
आपको बता दें कि भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी, 2020 को केरल के त्रिशूर जिले में सामने आया था। चीन के वुहान में पढ़ने वाली केरल की एक मेडिकल स्टूडेंट ऊषा राम मनोहर सेमेस्टर खत्म होने पर घर आई थी। 14 मार्च को देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 100 हो गई थी। 29 मार्च को इन संक्रमितों की संख्या 1000 के पार हो गई थी। 6 मई को भारत में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 50 हजार था। 6 मई 2020 को देशभर के 51,435 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी थी। 18 मई को देश में कोरोना के मामले एक लाख को पार कर गए और 2 जून को ये 2 लाख के पार हो गए।
आपको बता दें कि देश में पहली बार 24 मार्च को लॉकडाउन का पहला चरण लागू किया गया था। भारत में लॉकडाउन के चार चरणों के बाद सरकार ने 1 जून से अनलॉक-1 की शुरुआत कर दी थी। 1 जुलाई से अनलॉक-2 पूरे देश में लागू हो गया है। अनलॉक– 1 और अनलॉक- 2 के बाद सामान्य गतिविधियों में ढील मिलने के बाद से संक्रमण की दर काफी तेजी से बढ़ रही है। लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद सड़कों व बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री जनता को लगातार सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व और इसके पालन की अपील कर रहे हैं, वहीं दुकानों पर लगातार बढ़ रही भीड़ सोशल डिस्टेंस के नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। पुलिस प्रशासन द्वारा गाइड लाइन जारी करने के बाद के बावजूद भी बाजारों में बिना मास्क लगाए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में अभी भी लोग बिना मास्क के घूमकर कोरोना वायरस के खतरे को निमंत्रण दे रहे हैं।
मेरा मानना है कि सावधानी में ही बचाव है। कोरोना पर वार, सजगता और सतर्कता ही है हथियार। कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि और ज्यादा सावधानी और सतर्कता बरतने की जरूरत है ताकि कोरोना महामारी के संक्रमण को अपने देश में फैलने से रोक सकें। लंबे समय तक सर्दी-खांसी, गले में दर्द या सांस लेने में परेशानी आ रही है तो चिकित्सक से संपर्क कर जांच करवाएं। बाजारों में खरीदारी के लिए बिना मास्क पहने घर से नहीं निकले । सार्वजनिक स्थलों, सड़क और फुटपाथ पर थूकने से परहेज करें। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सबसे कारगर इलाज सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे। कोरोना वायरस से बचने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोशल डिस्टेंसिंग को सबसे कारगर उपाय बताया है।
क्या सजगता और सतर्कता से ही कोरोना से बचा जा सकता है? भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है। तमाम कोशिशों के बावजूद देश में कोरोना वायरस का संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना वायरस से पूरी मानव जाति संकट में है इसलिए हम सब इस महामारी की गंभीरता को देखते हुये प्रत्येक नागरिक का सचेत रहना बेहद जरूरी है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए पानी और साबुन का इस्तेमाल करते हुए हाथों को बीस सेकेंड तक रगड़कर साफ करें। वायरस से बचाव के लिए ऐसा सेनेटाइजर जरूरी है जिसमें कम से कम 60 फीसदी अल्कोहल हो। घर से अगर निकलना पड़े, तो मॉस्क जरूर पहनें। आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकले तथा दो गज की दूरी बनाये रखे। यह वायरस कब तक रहेगा, कोई नहीं जानता। अब लोगों को समझ लेना चाहिए कि उन्हें कोविड-19 महामारी के बीच ही लंबे समय तक रहना पड़ सकता है। इसलिए स्वयं सतर्क रहते हुए लोगों को सतर्क करने की पहल करना चाहिए।
-युद्धवीर सिंह लांबा